पैदा ही न होती तो अच्छा होता एक किसान की बेटी की ने यह कहकर सुनाया दर्द
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा आत्महत्या करने वाले किसानों के हित के लिए महाराष्ट्र सरकार हमेशा उनके नुकसान भरपाई के लिए कई सौ करोड़ रुपए हर साल देती है। किसानों पर बैंक के कर्ज के साथ साथ निजी साहूकारों का कर्ज सबसे ज्यादा खतरे वाला साबित होता दिखा था तो सरकार ने साहूकारों के खिलाफ कानून बनाया लेकिन आज भी साहूकारों के चंगुल से लोग फंसे हुए है यह साफ लगता है इस महाराष्ट्र बेटी की आवाज को सुनने के बाद।
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हरिदास तावरे, मैक्स महाराष्ट्र, बीड: निजी साहूकारों के कारण राज्य में कई किसान बर्बाद हो गए हैं। कर्ज चुकाने के बाद भी कर्जदार जमीन नहीं देने से परेशान किसान की बेटी ने सीधे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा है। निजी कर्जदाताओं का फंदा राज्य में कई लोगों को निगल रहा है. कई किसान कर्ज के बोझ तले दबे हैं। इस बीच, बीड जिले के माजलगाव तालुका के पुनंदगाव के एक किसान ने अपनी बेटी की शादी के लिए एक निजी ऋणदाता से कर्ज लिया था। किसान की बेटी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दुख जताया है कि कर्जदार ने कर्ज चुकाने के बाद भी गिरवी जमीन नहीं लौटाई। लड़की के पिता शेखर सावंत की दो बेटियां और दो बेटे हैं। इसलिए शेखर सावंत ने अपनी बेटी की शादी के लिए एक निजी साहूकार से 8 लाख 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन कर्ज चुकाने के बावजूद साहूकार ने जमीन वापस करने से इनकार कर दिया। ऐसे में सावंत परिवार संकट में है।
इसी साल की शुरूआत में जनवरी महीने में पुणे में निजी साहूकारी करनेवालों की भड़माड़ हो गई है। प्राइवेट साहूकारों की ओर से कर्ज की वसूली के लिए तगादा किया जाता है। साहूकारों की ओर से ब्याज वसूली के संदर्भ में पुलिस (Police) के पास कई शिकायते आ रही हैं। निजी साहूकारी पर रोक लगाने के लिए पुणे पुलिस ने एक हेल्पलाइन की शुरुआत की थी। इससे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स पुलिस को मिला था और साहूकारों की दुकान बंद हो गई थी। पुणे पुलिस के पास आई 12 शिकायतों में से 7 पर एफआईआर दर्ज किया गया था। इसलिए अवैध साहूकारी करने वालों पर पुलिस कार्रवाई कर रही थी वहां पर यह बंद हो गया है।
इसी साल के जून माह में साहूकार के खिलाफ एक मामले में धुले पुलिस ने जांच की थी जो लोगों को रुपए ज्यादा ब्याज दर पर देता था। एक मामले में उसकी जांच करने पर पर पता चला कि साहूकारी करते करते वो लोगों के खून पीकर करोड़पति बन गया है। जो समय पर पैसे नहीं देता था उसके घर के सामान और जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लेता था। पुलिस ने जब उसको गिरफ्तार किया तो उसके बैंक से दो करोड़ कैश और 20 लाख रुपए के गहने बरामद हुए जो लोगों को ब्याज पर रुपए देकर उसने अर्जित किया था। गिरफ्तार साहूकार का नाम राजेंद्र बंब था जो नाम के लिए बीमा एजेंट था पीछे ब्याज पर पैसे बांटने का काम करता।
इसी साल जून माह में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अवैध उधार यानि अवैध साहूकारी को रोकने के लिए कानूनी प्रावधानों का सख्ती से उपयोग करने के लिए निर्देश दिए हैं। और सभी जिला उप पंजीयक कार्यालय को आदेश दिए हैं कि, इस अवैध साहूकारी को खत्म किया जाना चाहिए। सहकारिता और विपणन राज्य मंत्री बालासाहेब पाटील ने जिला उप पंजीयकों को निर्देश दिया था कि वे उन किसानों या पीड़ितों की जमीन वापस करने के लिए कानून का प्रभावी उपयोग करें जिनकी जमीन अवैध साहूकारों द्वारा मूल मालिकों से हड़पी गई है। उन्हें कानून का प्रभावी ढंग से उपयोग कर वापस दिलायें। इस हेतु जिला पुलिस बल की भी मदद लें। गत अप्रैल माह से ही नांदेड़ जिला दौरे के समय से ही, इस संबंध मे, प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में, तत्कालीन सहकार मंत्री बालासाहेब पाटील ने इस संबंध में सख्त निर्देश दिए थे।
बात बीड जिले की है तो एक मामला मेरे जेहने में सामने आया जो तब सुर्खियों में था।
महाराष्ट्र के बीड जिले के एक किसान ने आरोप लगाया है कि उसकी गिरवी रखी जमीन को छोड़ने के बदले साहूकार ने उससे उसकी बेटी और बहू का 'साथ' मांगा है। पुलिस का कहना है कि वह किसान के आरोपों की जांच करेगी। बीड के एसपी अनिल पारस्कर ने कहा, 'किसान के दावों पर हमने कार्रवाई शुरू कर दी है और साहूकार के खिलाफ उचित कदम उठाया जाएगा।' आईपीएस अधिकारी ने बताया कि राज्य महिला आयोग की प्रमुख विजया राहटकर ने भी इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया, 'अप्रैल में पुलिस को शिकायत मिली थी कि साहूकार ने किसान की जमीन अपने कब्जे में ले ली है लेकिन बीड जिले की धारुर तहसील में रहने वाले किसान इंदर मुंडे ने यह जानकारी कल ही दी है कि साहूकार भगवान बड़े ने जमीन छोड़ने के बदले उसकी बेटी और बहू का 'साथ' मांगा था। यह मामला 2016 का है सबसे ज्यादा सुर्खियों में था।