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बाबरी विध्वंस : सीबीआई अदालत का बहुप्रतिक्षित फैसला कल

बाबरी विध्वंस : सीबीआई अदालत का बहुप्रतिक्षित फैसला कल
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लखनऊ। सीबीआई की विशेष अदालत 1992 में मुगलकालीन बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले पर बहुप्रतिक्षित फैसला बुधवार को सुनायेगी. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित 32 आरोपित हैं. विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी 32 आरोपितों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था.आरोपितों में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अलावा विनय कटियार और साध्वी रितंभरा शामिल हैं.

उमा भारती और कल्याण सिंह कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर दो अलग अलग अस्पतालों में भर्ती हैं. अभी यह सूचना नहीं है कि फैसले के समय वे अदालत में मौजूद रहेंगे या नहीं.कल्याण सिंह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब ही मस्जिद गिरायी थी. सिंह पिछले साल सितंबर में इस मामले की सुनवाई में शामिल हुए थे. राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी इस मामले के आरोपियों में से एक हैं. उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई अदालत को मामले का निबटारा 31 अगस्त तक करने के निर्देश दिये थे, लेकिन गत 22 अगस्त को यह अवधि एक महीने के लिए और बढ़ा कर 30 सितंबर कर दी गयी थी.

सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले की रोजाना सुनवाई की थी.केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किये. इस मामले में कुल 48 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिनमें से 17 की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है. इस मामले में अदालत में पेश हुए सभी अभियुक्तों ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताते हुए केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर दुर्भावना से मुकदमे दर्ज कराने का आरोप लगाया था.

Updated : 29 Sep 2020 10:32 AM GMT
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