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दिल्ली में फिर निर्भया कांड,खून से लथपथ 13 साल की बच्ची पहुंची पड़ोसियों तक

दिल्ली में फिर निर्भया कांड,खून से लथपथ 13 साल की बच्ची पहुंची पड़ोसियों तक
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नई दिल्ली। दिल्ली के पश्चिम विहार वेस्ट के पीरागढ़ी मे 13 साल की मासूम बच्ची से साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है.बच्ची को घर मे अकेला देख बच्ची के साथ हैवानगी की गई हैं.बच्ची कमरे में अकेली थी विरोध करने पर न सिर्फ कैंची से उसके सिर और शरीर को गोद डाला बल्कि उसके साथ निर्भया जैसी वारदात को अंजाम दिया गया हैं और इस तरह की दरिंदगी की हरकत करने के बाद हैवान आरोपी फरार हो गया है.लड़की खून से पूरी तरह लथपथ पड़ी थी और आरोपी के जाते ही बच्ची ने हिम्मत जताई और पड़ोसी के दरवाजे तक किसी तरह जा पहुंची और वहा बेहोशी की हालत मे गिर गई.बच्ची के निजी अंगों से लगातार खून बह रहा था बच्ची की हालत देखकर पड़ोसी भी डर गए और तुरंत ही मामले की जानकारी पुलिस को दी।

कैसी है बच्ची की हालत

पुलिस ने अस्पताल मे भर्ती तो करा दिया हैं लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी हुई हैं लड़की सिरियस हैं.लड़की के शरीर पर खासकर उसके सिर पर और हिप्स पर धारदार हथियार से कई वार किये गए थे बच्ची के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम सरगर्मी से जुटी और सिर व कटे हुए हिस्सों में टांके लगाए और बच्ची को एम्स भेज दिया. डॉक्टरी जांच में निजी अंगों में चोट भी है।

कौन हैं दरिंदे

लड़की ने जख्मी हालत में इतना बताया हैं कि दो लोग थे 13 साल की बच्ची परिवार के साथ पीरागढ़ी में किराए पर रहती है. परिवार मूल रूप से बिहार का रहनेवाला है.जिस कमरे में परिवार रहता है वह बिल्डिंग तीन मंजिल की है जिसमें छोटे-छोटे करीब 25 कमरे बने हुए हैं इनमें अधिकतर आसपास की फैक्ट्रियों में लेबर का काम करने वाले लोग रहते हैं.बच्ची के परिवार में माता-पिता और एक बड़ी बहन है.माता-पिता फैक्ट्री में लेबर हैं और बड़ी बहन भी काम करती है रोजाना बच्ची अपने कमरे में अकेली रहती है।

इसी का फायदा उठा मंगलवार शाम को बच्ची के साथ दरिंदगी की गई.पुलिस को तकरीब साढ़े पांच बजे कॉल मिली थी पुलिस ने बिल्डिंग में रहने वाले सभी मौजूद और गैरमौजूद लोगों की जांच पड़ताल कर ली हैं और आसपास के सीसीटीवी कैमरों को भी कब्जे में लेकर जाँच कर रही हैं। इस तरह की दरिंदगी करने वालों को लगता हैं फांसी की सजा भी कम हैं क्योंकि निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा देकर भी ज्यादा वक्त नहीं हुआ अगर दरिंदों को फांसी का डर होता तो शायद छोटी बच्ची के साथ इस तरह की हरकत नहीं करते, ऐसे लोगों को ऐसी सजा देनी चाहिए की कोई अगर इस तरह की हरकत करने की भी सोचे तो उसकी रूह कांप जाए। #JusticeForJnrNirbhaya #JusticeForNirbhaya2

मैक्स कमेंट
rape के मामले क्यों नहीं कम होते
निर्भया बलात्कार कांड के बाद देश में बलात्कार के खिलाफ कानून सख्त कर दिए गए थे. लेकिन दिल्ली में एक बार फिर से बलात्कार की वारदात हुई है. यह घिनौनी वारदात इस बार 13 साल की बच्ची के साथ हुई है। सरकार ने बच्चों को लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण कराने के लिए पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस ऐक्ट) 2012 बनाया था. इस एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है. बच्चियों के साथ बढ़ती दरिंदगी को रोकने के लिए पॉक्सो एक्ट 2012 में बाद में बदलाव किया गया और 12 साल तक की बच्ची से बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान किया गया. इस एक्ट के तहत अलग-अलग अपराधों में अलग-अलग सजा का प्रावधान है. 18 साल से कम किसी बच्ची से अगर दुष्कर्म होता है तो वह पॉक्सो एक्ट के तहत आता है. देश में इस तरह के सख्त कानून होने के बावजूद आए दिन बच्चियों से दरिंदगी के मामले सामने आ रहे हैं।

Updated : 6 Aug 2020 1:35 PM GMT
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