चंद्रपुर वाघो के जिले में नीलगाय, गांव के लोगों ने घर में दी पनाह आवारा कुत्तों से बचाई जान.......
मानव वन्यजीव संघर्ष के युग में प्रेम का संबंध, घायल नीलगाय घर में घुसी, किसान ने बचाई जान
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चंद्रपुर: यह जिला का जानवरों में बाघो के लिए प्रसिद्ध है, यहां हाईवे पर रास्तों पर सड़क बाघों को पार कराने के लिए वन विभाग और ट्रैफिक पुलिस द्वारा दोनों तरफ की गाड़ियों को रोककर सड़क पार कराया जाता है। जिले में यहां दूर-दूर से पर्यटक बाघों को देखने के लिए लोग और सैलानी आते हैं। हालांकि यहां का वन्यजीव जिला शान बन गया है। लेकिन यहां मानव-वन्यजीव संघर्ष भी चरम पर पहुंच गया है। लेकिन वरोरा तालुका की एक घटना ने मानव-वन्यजीव प्रेम में एक नया अध्याय लिखा है। एक नीलगाय, जो घर में प्रवेश कर चुकी थी, एक तमाशे के बाद भी एक तरह बेफिक्र बैठी थी। दूसरी ओर, परिवार के सदस्यों ने उसे बिना किसी भय के समान प्रेम से घर में आश्रय दिया। नीलगाय आज वरोरा तालुका के माजरा गांव पहुंचीं। किसानों के खेती और घरेलू सामानों को भारी नुकसान पहुंचाने वाले इस जानवर का घर में अचानक से आने यहां के लोगों के ताजुब्ब हो गया। यह नीलगाय घर में शांत बैठी थी, परिवार के सदस्यों ने उसके साथ समान प्रेम का व्यवहार किया।
मानव-वन्यजीव प्रेम संबंधों का एक नया अध्याय इस बार सामने आया है, इस बीच वन विभाग के अधिकारियों को घटना की सूचना दी गई। नीलगाय घायल थी और उसको आवारा कुत्ते काट रहे थे जिससे बचने के लिए वो घर में आ धमकी। ग्रामीणों ने कुत्ते से उसकी मदद की और घर में उसको कुत्ते से बचने के लिए पनाह दी, घायल नीलगाय की सूचना उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को दी। गांव में पहुंचे वन विभाग के अधिकारी उसे इलाज के लिए वरोरा सिटी पशु चिकित्सालय लेकर गए। गांव के मानवतावादी लोगों के चलते घायल नीलगाय का उपचार के बाद नीलगाय को मुक्त आवास जंगल क्षेत्र में छोड़ दिया गया।