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तेंदुए के दो मादा शावकों को दूध पिलाकर मुख्यमंत्री ने किया नामकरण

रामराज्य की भावना के अनुरूप हो प्रत्येक प्राणी का संरक्षण​, गीता नामक सफेद बाघिन को क्रॉल से मुख्य बाड़े में कराया प्रवेश​ ​गोरखपुर चिड़ियाघर का भ्रमण किया सीएम योगी आदित्यनाथ ने

तेंदुए के दो मादा शावकों को दूध पिलाकर मुख्यमंत्री ने किया नामकरण
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रामराज की भावना के अनुरूप मानव कल्याण के साथ प्रत्येक प्राणी की रक्षा व संरक्षण में सभी को अपना योगदान देना चाहिए। इसकी प्रेरणा हमें रामायण से भी मिलती है। रामायण की गाथा में अरण्य कांड जीव जंतुओं के संरक्षण, प्रकृति के प्रति दायित्वों, जीवों के प्रति व्यवहार की सीख देता है। अरण्य कांड में एक प्रकार से पूरी भारतीय ज्ञान संपदा समाहित है।

सीएम योगी बुधवार को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (गोरखपुर चिड़ियाघर) में तेंदुए के दो मादा शावकों को दूध पिलाकर उनका नामकरण (भवानी और चंडी) करने, व्हाइट टाइगर (सफेद बाघिन गीता) को क्रॉल से बाड़ा प्रवेश कराने, चिड़ियाघर के हाल में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने रामचरित मानस की पंक्तियों 'हित अनहित पसु पच्छिउ जाना, मानुष तनु गुन ग्यान निधाना' का स्मरण करते हुए कहा कि कौन हितैषी है और कौन हानि पहुंचाने वाला पशुओं में इसका स्पंदन होता है। इस उद्धरण को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम वन में माता सीता व अपने अनुज लक्ष्मण के साथ ही गए थे लेकिन वनवास काल में उनकी मदद वनवासियों, भालू, वानर, गिद्ध यहां तक कि पेड़, पौधों, व जंगल के नदी नालों ने की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य भी तभी संरक्षित रहेगा जब वह प्रकृति के प्रति और जीव-जंतुओं के संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग रहेगा। उन्होंने वन्यजीवों के संरक्षण हेतु सभी लोगों के योगदान की अपील की।

लखनऊ में शुरू होने जा रहा यूपी का पहला नाइट सफारी

सीएम योगी ने वन्यजीव संरक्षण तथा ईको टूरिज्म को लेकर प्रदेश सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि लखनऊ में प्रदेश का पहला नाइट सफारी शुरू करने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इससे ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, वन्यजीवों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी, मनोरंजन के साथ बच्चों का ज्ञानवर्धन भी होगा। उन्होंने कहा कि चित्रकूट के रानीपुर में टाइगर रिजर्व बनाए जाने की भी घोषणा हो चुकी है। भगवान राम ने अपने वनवास काल का सर्वाधिक समय चित्रकूट में ही व्यतीत किया था। बिजनौर व रामनगर में भी ईको टूरिज्म से जुड़े प्रस्ताव मंजूर हो चुके हैं। सरकार वन्यजीवों के लिए महाराजगंज, मेरठ, चित्रकूट, पीलीभीत आदि जगहों पर रेस्क्यू सेंटर बना रही है। महाराजगंज के सोहगीबरवा क्षेत्र में गिद्ध संरक्षण केंद्र बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीवों से होने वाली हानि को सरकार ने आपदा की श्रेणी में रखा है।

नमामि गंगे परियोजना से हो रहा जलीय जीवों का संरक्षण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार जलीय जीवों के संरक्षण को लेकर भी संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना से इसमें काफी मदद मिल रही है। सीएम ने कहा कि कानपुर के सीसामऊ में पहले गंगा नदी में प्रतिदिन 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था, नमामि गंगे परियोजना के कार्यों से अब एक बूंद भी नहीं गिरता। अब सीवर गिरने वाला स्थान सेल्फी प्वाइंट बन चुका है। इसी तरह जाजमऊ में चमड़ा उद्योग का कचरा गिरने से जलीय जीव समाप्त प्राय हो गए थे। वहीं अब जलीय जीवों को पुनर्जीवन मिला है और बड़ी संख्या में जलीय जीव नदी में दिखने लगे हैं। गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉल्फिन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि डॉल्फिन संरक्षण के लिए सरकार ने भगवान श्रीराम के प्रिय मित्र निषादराज के क्षेत्र को चुना है। विगत वर्ष अपने काशी के एक दौरे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कि अब वहां भी गंगा नदी में डॉल्फिन दिखाई देने लगे हैं। उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार डॉल्फिन संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

वन्यजीवों के इलाज के लिए बनेगा डॉक्टरों का अलग कैडर

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन्यजीवों के उपचार व संरक्षण के लिए पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर निर्धारित करने का निर्देश वन विभाग के जिम्मेदारों को दिया। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के इलाज के लिए अभी चिकित्सक पशुपालन विभाग से लाए जाते हैं। पर, अब वन्यजीवों के रेस्क्यू व उनके उपचार हेतु पशु चिकित्सा अधिकारियों का अलग कैडर तैयार करना होगा।

एक-एक पेड़ का होना चाहिए संरक्षण

पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक वृक्षारोपण की अपील करते हुए सीएम योगी ने कहा कि एक एक पेड़ की कीमत को समझते हुए उनका संरक्षण होना चाहिए। उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्ष में उत्तर प्रदेश में100 करोड़ पेड़ लगाए गए। यह दुनिया में सर्वाधिक है। इस बार 35 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं, इसे और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है पर्यावरण अनुकूल होगा तो स्वास्थ्य की रक्षा के साथ ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से भी बचा जा सकेगा। बुधवार को हो रही बारिश का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ऐसी बारिश सावन में होती है। अक्टूबर माह में यदि इस तरह की बारिश हो रही है तो हमें इसके बारे में सोचना होगा। उन्होंने कहा कि प्रकृत से छेड़छाड़ होगी तो उसके दुष्परिणाम सामने आएंगे ही। कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने गंगा डॉल्फिन संबधी पोस्टर रिलीज करने के साथ प्रदेश के जलीय जीवों पर डाक विभाग के स्पेशल कवर का भी अनावरण किया। साथ ही चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. एच राजमोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश सिंह, उप क्षेत्रीय वनाधिकारी रोहित सिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने वन्यजीव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया।

सोहगीबरवा में शुरू होगी जंगल सफारी: वन मंत्री

कार्यक्रम में वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि महाराजगंज के सोहगीबरवा में सरकार जल्द ही जंगल सफारी की सुविधा शुरू करेगी। जंगल सफारी से ईको टूरिज्म बढ़ेगा, लोगों को रोजगार मिलेगा। दूसरे प्रदेशों के लोग पर्यटन के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में रोजगार के लिए भी आएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पर्यावरण प्रेम व वन्यजीवों से लगाव का उल्लेख करते हुए वन मंत्री ने कहा कि सीएम योगी ने अपने जन्मदिन पर सुबह उठते ही सबसे पहला काम पौधरोपण का किया था। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों से अपील की कि वे अपने जन्मदिन पर पौधारोपण अवश्य करें।

कार्यक्रम के दौरान डॉल्फिन दिवस पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जैव विविधिता के सलाहकार डॉ संदीप बेहरा ने आधारभूत व्याख्यान देते हुए डॉल्फिन संरक्षण में सबकी सहभागिता की अपील की। वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने वन्य जीव सप्ताह के कार्यक्रमों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। आभार ज्ञापन प्रधान वन संरक्षक वन्यजीव केपी दूबे ने किया।


इस अवसर पर वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री केपी मलिक, सांसद रविकिशन, महापौर सीताराम जायसवाल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, महेंद्र पाल सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष श्रीमती ममता संजीव दूबे, गोरखपुर क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक भीमसेन प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव, प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ एच. राजा मोहन, पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश सिंह आदि मौजूद रहे।

Updated : 5 Oct 2022 9:21 PM IST
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