8 साल की बच्ची को स्कूल में आया हार्ट अटैक !
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एक बेहद चौंकाने वाली और दिल को दहला देने वाली घटना हाल ही में एक स्कूल में घटी, जिसमें एक 8 साल की बच्ची को हार्ट अटैक आ गया। यह घटना स्कूल के कॉरिडोर में उस समय घटी जब बच्ची क्लासरूम से बाहर अपने बैग के साथ जा रही थी। अचानक उसे हार्ट अटैक आ गया और वह जमीन पर गिर पड़ी। पूरी घटना स्कूल के सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
घटना का विवरण
यह घटना एक सामान्य दिन की तरह शुरू हुई जब बच्ची स्कूल के क्लासरूम से अपने बैग के साथ बाहर जा रही थी। कुछ कदम चलने के बाद अचानक वह रुक गई और उसके चेहरे पर असहजता और बेचैनी नजर आई। कुछ ही समय बाद, बच्ची स्कूल के कॉरिडोर में रखी एक चेयर पर बैठने के लिए गई। जैसे ही वह बैठी, अचानक उसे हार्ट अटैक आ गया और वह वहीं गिर पड़ी। पास में खड़े लोग तत्काल दौड़े और उसे उठाने की कोशिश की, लेकिन उसकी हालत बहुत खराब हो चुकी थी।
यह पूरी घटना स्कूल के सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसमें देखा जा सकता है कि बच्ची की हालत बिगड़ते हुए वह गिर पड़ी। आसपास खड़े लोग भागते हुए मदद के लिए पहुंचे, लेकिन दुर्भाग्यवश समय रहते मदद नहीं मिल पाई।
सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल
सीसीटीवी फुटेज में पूरी घटना का साफ-साफ विवरण है, जिसमें बच्ची की हालत और आसपास के लोगों की हलचल को देखा जा सकता है। यह फुटेज स्कूल प्रशासन के पास भी मौजूद है और उसे जांच के लिए संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया गया है।
स्वास्थ्य जांच और इलाज
घटना के बाद बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे इमरजेंसी इलाज दिया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि बच्ची को हार्ट अटैक आना एक दुर्लभ चिकित्सा स्थिति के कारण था, जिसे चिकित्सा क्षेत्र में "कंजेनिटल हार्ट डिसीज़" (Congenital Heart Disease) कहा जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें जन्म से ही दिल में कुछ गड़बड़ियां होती हैं, जो बाद में इस तरह की स्थिति का कारण बन सकती हैं।
समाज और चिकित्सा विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने एक बार फिर बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को महसूस कराया है। चिकित्सक और विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के दुर्लभ मामलों में बच्चों का इलाज समय से होना बेहद महत्वपूर्ण होता है, और माता-पिता को बच्चों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
समाज में इस घटना के बाद बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और सतर्कता बढ़ाने की जरूरत को महसूस किया गया है। विशेष रूप से, परिवारों को बच्चों के दिल की बीमारियों से संबंधित जानकारी और इलाज के विकल्पों के बारे में शिक्षित किया जा रहा है।