2024 के लोकसभा चुनाव में किस मुद्दे पर लड़ेगी भाजपा
On which issue will BJP fight in the 2024 Lok Sabha elections?
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2014 के लोकसभा चुनाव से 2024 तक आते-आते भाजपा अपने मूल मुद्दों से कैसे लगातार भटकते चले गई इस लेख में कोसिस करूँगा ,दरअसल 2014 से पहले कोंग्रस शासनकाल में जनता महंगाई से परेशान थी लगातार बढ़ते रोज मर्रा की चीजों की दामों से जनता तंग आ चुकी थी, महिलाओ पर हो रहे अत्याचार से उस समय की मनमोहन सरकार की छवि जनता के भीतर नकारात्मक बानी ,उस दौर में सरकार पर कई बड़े और गंभीर घोटालो के आरोप भी लगे, वह अलग बात है की इतने साल होने के बावजुद कांग्रेस नेताओ के ऊपर लगे घोटाले सिद्द नहीं हो पाए ,वही दूसरी और कांग्रेस शासनकाल में महंगाई ,घोटालो ,जनता पर हो रहे अत्याचार और चर्चित लोकपाल बिल को लेकर सामाजिक कार्यकर्त्ता अन्ना हज़ारे दिल्ली के जंतर मंतर पर अनसन किये जिससे की कोंग्रस सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा ,वही उस समय विपक्ष में बैठी भाजपा जनता के बिच जाकर उनकी परेशानिया सुनता था और जनता के साथ खड़ी भी होता थी, आज के विपक्ष की तरह नहीं जो कुम्भकरणिये नींद में 10 साल से सो रहा है।आप को याद होगा की 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जनता से कई लोक लुभावने वायदे किए थे। जैसे की विदेशो में जमा काला धन देश में लाए जाएंगे प्रति व्यक्ति 15 लाख रूपये खाते में दिए जायेंगे , महंगाई ख़त्म करना ,स्मार्ट सिटी बनाने का वायदा ,अच्छे दिनों का सपना दिखाया और भी ऐसे ही कई वायदे किये थे जिनमे से सायद ही कोई वायदा पूरा किया गया है .
वही 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पुलवामा में हुए सैनिको पर हमले को चुनाव में सहानुभूति हासिल कर पिछले चुनाव से ज्यादा 2019 के चुनाव में भाजपा ने जित दर्ज कर इतिहास रच दिया ,वही अब 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है इस बार भाजपा किन मुद्दों पर चुनावी अखाड़े में उतरती है वह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन जिस प्रकार से भाजपा ने अपने शासनकाल में जन हितेसी कार्य करने के बजाये मंदिर बनाने में व्यस्त रही उससे यह कहा जा सकता है की अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्य क्रम को भाजपा मुख्य चुनावी मुद्दा बनाएगी भाजपा पूरी तरह से स्पष्ट है ,की चुनाव में किन मुद्दों को लेकर उतरना है वही विपक्ष जो इंडिया गठबंधन के सहारे बीजेपी को मात देने की तैयारी कर रहा है विपक्ष के भीतर मुद्दों की सुन्यता से लेकर नेताओ के बिच अभी तक ताल मेल भी नहीं बैठा है। दूसरी और कांग्रेस नेता राहुल गाँधी मणिपुर से मुंबई तक भारत न्याय यात्रा निकालने वाले है ,इस बिच विपक्ष भले ही बिखरा हुआ हो लेकिन भाजपा अपने पुराने और अप्रजित हथियार धर्म ,राम और राम मंदिर के सहारे अपनी चुनावी नैया पार कराने में जुट गई है.