चंद्रयान मिशन से जुड़े 2 महत्त्वपूर्ण मुद्दे - तिरंगा और शिवशक्ति - हेमा मालिनी
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संसद के विशेष सत्र में आज चंद्रयान ३ का अभिनंदन प्रस्ताव पर सांसदो ने अपने विचार रखे | इसमें शामिल होते हुए, मथुरा की भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कुछ शायराना अंदाज में चंद्रयान ३ के सफलता की तारीफ की |
हेमा मालिनी ने कहा, कि भारत आज चंद्रमा पर है | हमारा राष्ट्रीय गौरव तिरंगा और अशोक चक्र आज चंद्रमा पर है | यह आज का भारत है, 21वीं सदवीं का भारत है, जो नरेंद्र मोदी के सशक्त और दूरदर्शी नेतृत्व में जुझारु है | हर भारतीय आज शान से कह सकता है, “ कि मेरा देश आज अमेरिका, इग्लैंड, फ्रांस की तरह पहली पंक्ति में खड़ा है | लेकिन यह कैसे संभंव हुआ ? यह संभंव हुआ, हमारे कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ संकल्प से, हमारे वैज्ञानिको को दिए गए प्रोत्साहन से, उनके समर्पण और परिश्रम से और 140 करोड़ देशवासियों के एकजुटता से |
कुछ पाने के लिए दिल में जुनून चाहिए,
कुछ पाने के लिए दिल में जुनून चाहिए
रगो में दौड़ता हुआ खून चाहिए,
आएगा आसमान भी जमीन पर
इरादों में बस फतेह की गूंज चाहिए |
यह हमारे प्रधानमंत्री मे है, इसलिए वो कर सक सकते है इतना सब काम | पिछले 9 वर्षो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में निरंतर ऐसे निर्णय लिए गए है, नीतिया बनाई गई है, जिन्होने भारत में नवाचार और अनुसंधान को आसान बनाया है | भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम में समस्त वैज्ञानिक के साथ महिला वैज्ञानिकों की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है | भारत को गर्व है, कि चंद्रयान 3 की सफलता में भी हमारी का बहोत बड़ा योगदान रहा है, यह सफलता आनेवाले वर्षो में भी हमारी महिला वैज्ञानिको को प्रेरित करती रहेगी | चंद्रयान मिशन से जुड़े 2 महत्त्वपूर्ण मुद्दे - तिरंगा और शिवशक्ति |
यह सिर्फ नाम ही नही, बल्कि यह हमारी हजारों वर्षो पुरानी विरासत और आज की वैज्ञानिक आकाक्षाओं वाली भारत को एक सूत्र में पिरोती है | जैसा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान की सफलता पर ISRO की वैज्ञानिको को संबोधित करते हुए कहा था, कि भारत के पास विज्ञान के ज्ञान का जो खजाना है, वो गुलामी के लंबे कालखंड में दब गया है, छुप गया है | आजादी के इस अमृतकाल में हमें इस खजाने को ढूढंना है, उस पर रिसर्च भी करनी है और दुनिया को इसके बारे में बताना भी है | भारत दुनिया का सबसे युवा प्रतिभा वाला देश है, नई पीढी के लिए यह संदेश है, कि भारत के प्राचीन ग्रंथों में कगोलिया सुत्रों को वैज्ञानिक रुप से साबित करने के लिए और उनका नए सिरे से अध्ययन करने के लिए आगे आए | यही भावना 2047 में विकसित भारत के सपने को साकार करेगी |
उन्होंने अपनी बात अटल बिहारी वाजपेयी की कुछ पंक्तिया पढ़कर समाप्त की |
मैं तेज पुंज, तमलिन जगत में फैलाया मैंने प्रकाश |
जगती का रच करके विनाश, तब चाहा है निज का विकास ?
शरणागत की रक्षा की है, मैंने अपना जीवन देकर |
विश्वास नहीं यदि आता, तो साक्षी है ये इतिहास अमर |
यदि आज देहलि के खण्डहर, सदियों की नीद्रां से जगकर |
गुजांर उठे ऊंचे स्वर से 'हिंन्दू की जय' तो क्या विस्मय ?
हिंन्दू तन - मन , हिंन्दू जीवन , रग-रग हिंन्दू मेरा परिचय !