आगे आगे देखो होता है क्या? शिंदे गुट के विधायक आशीष जायसवाल का सांकेतिक बयान
शिवसेना के बागी विधायक आशीष जायसवाल ने शिवसेना सांसद पर टिप्पणी की, बगावत करेंगे अब आगे देखो होता है क्या
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मुंबई: एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद, राज्य में राजनीतिक घटनाओं ने गति पकड़ी। जबकि आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के गुट के खिलाफ शिवसेना की "निष्ठा यात्रा" शुरू की है। इस बीच शिवसेना को एक और झटका लगने की संभावना है और खबरें हैं कि सांसदों ने अब विधायकों के बाद बगावत की तैयारी कर ली हैं। इस पर बोलते हुए शिंदे गुट के विधायक आशीष जायसवाल ने सांकेतिक बयान दिया है। एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण शिवसेना में विभाजन हो गया। उसके बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया। अब एक तस्वीर सामने आई है कि शिवसेना विधायकों के बाद सांसद भी बगावत की तैयारी कर चुके हैं। शिंदे समूह के विधायक आशीष जायसवाल ने इस बारे में पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर यह सांकेतिक बयान दिया और कहा कि आगे आगे देके होता है क्या?
आशीष जायसवाल ने कहा कि सांसदों की हालत विधायकों से भी ज्यादा खराब थी इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि सांसद अब विद्रोह करेगे। लेकिन विधायकों ने सांसदों से पहले बगावत कर दी। लेकिन उन्होंने सांकेतिक बयान दिया कि और सांसद भी जल्द बगावत करेंगे। साथ ही आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर महारा,्ट्र की सत्ता में शिवसेना भाजपा के साथ होती तो उनको आज यह संघर्ष नहीं झेलना पडता। महाविकास आघाडी सरकार में अपनी हिस्सेदारी जताकर शिवसेना ने अपने पैर पर कुल्हाडी मार ली। इसके चलते शिवसेना सांसद अरविंद सावंत को केंद्र में मंत्री का पद छोड़ना पड़ा। इसके साथ ही अगर गठबंधन सरकार होती तो 50 फीसदी मंत्री पद दिए जाते। लेकिन महाविकास अघाड़ी के कारण यह संख्या घटकर एक तिहाई रह गई। इन सब से शिवसेना बुरी तरह प्रभावित हुई। तो क्या करते विधायक उन्हें भी फैसला लेने का अधिकार है, जो विधायक एकनाथ शिंदे ने कदम उठाया और सबके सामने प्रस्ताव रखा कि यह करना है लोग शामिल होते गए और कारवां बनता गया। अब आगे देखो होता है तो क्या? आशीष जायसवाल ने ऐसी चेतावनी दी।
आगे संजय राउत के बारे में बात करते हुए जायसवाल ने कहा कि संजय राउत बातूनी हैं. उन्हें चुनाव में खड़ा होना चाहिए और निर्वाचित होना चाहिए। जायसवाल ने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों पर तंज कसने के लिए उन्हें ज्यादा महत्व देने की जरूरत नहीं है, जिन्हें जनता नहीं चुन सकती। संजय राउत के मुंह पर किसी का काबू नहीं है। आशीष जायसवाल ने कहा है कि उद्धव ठाकरे भी संजय राउत के मुंह पर काबू नहीं रख सकते। आगे देखने को बहुत कुछ है एक बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने दे दीजिए जायसवाल साहब हम भी समझ जाएंगे आपका सांकेतिक बयान क्या है!!