मुंबई। आम आदमी पार्टी ने मनपा के बजट को निराशाजनक बताया है जो स्पष्ट रूप से खानापूर्ति है और वास्तविकता से दूर है। मनपा ने आज 39,038.83 करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16.74% की वृद्धि है। मनपा के 2020-2021 के बजट प्रावधान में, विभिन्न विकासात्मक कार्यों के लिए आवंटित बजट का केवल 48% खर्च किया गया था। ऐसा लगातार 7 वें वर्ष में भी हो रहा है। देवनार का कचरे से बिजली उत्पादन संयंत्र , तानसा साइकिल ट्रैक, मुंबई सीवेज डिस्पोजल प्रोजेक्ट (MSDP), गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड (GMLR) जैसी परियोजनाएँ कछुआ गति से आगे बढ़ रही हैं। वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए मनपा का शिक्षा बजट 2945.78 करोड़ रुपए था, जो बजट परिव्यय का 7.54% है। शिक्षा के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी का बजट 25% है, जो भारत में सभी राज्यों में सबसे अधिक है, क्योंकि शिक्षा हमारी प्राथमिकता है।
बजट पूरी तरह से खानापूर्ति है। कोविड महामारी से उबर रहे महानगर में स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उपायों पर कोई प्रावधान नहीं किया गया है। यह विडंबना है कि मनपा प्रतीक चिन्ह और नाम बदलकर मान लेती है कि इससे जर्जर हो चुकी शिक्षा व्यवस्था ठीक हो जाएगी। मांग में कमी का हवाला देते हुए मनपा मुंबई में साल-दर-साल स्कूलों को बंद कर रही है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, शिक्षकों के प्रशिक्षण और शिक्षण के बेहतर माहौल पर कोई काम मनपा द्वारा नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के लिए, मनपा का आवंटन 4278 करोड़ रुपए है, जो बजट का 10.95% है। दिल्ली में, यह बजट का 16% है। जब तक, हमारे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जरूरी सुधार नहीं किए जाते, तब तक हमारी स्वास्थ्य सेवाओं के हालात नहीं सुधरने वाले हैं। कोविड-19 महामारी में मनपा की जर्जर चिकित्सा व्यवस्था की पोल खुल चुकी है। मनपा ने 12 पुलों के लिए 1675 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है। ज्ञात हो कि दिल्ली में पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाए गए हर पुल पर 100 करोड़ से अधिक की बचत हुई थी और इस तरह से बचाए गए पैसे का इस्तेमाल दिल्ली आरोग्य कोष योजना के तहत दिल्ली भर में मुफ्त दवा और सर्जरी प्रदान करने के लिए किया गया था।
इसके बजाय, मुंबई में, हम केवल लागत में वृद्धि और देरी पर देरी देखते हैं। मुंबई में मनपा को एकीकृत योजना और अनुमोदन प्राधिकरण के रूप में बनाने की मांग स्वागत योग्य है, क्योंकि वर्तमान में कई विभाग हैं जो एक दूसरे के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। आम आदमी पार्टी की नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रीति शर्मा मेनन ने कहा, "मनपा ने मुंबईकरों को फिर से निराश किया है। आम जनता रोजमर्रा के जीवन में संघर्ष कर रही है। बिल्डर-ठेकेदार लॉबी को खुश करने के लिए मनपा बजट एक तरह का वार्षिक अनुष्ठान है। पिछले वर्षों के बजट के परिणाम पर कोई रिपोर्ट नहीं है और न ही इसे बनाने में लोगों की भागीदारी है। इस वर्ष के बजट में स्वास्थ्य सेवा के लिए 7.54% और शिक्षा के लिए 10.95% यह दर्शाता है कि मनपा की क्या प्राथमिकताएं हैं। मनपा के फिक्स्ड डिपॉजिट में हजारों करोड़ रुपये की धन राशि मुंबई के लोगों के लिए हैं, न कि मनपा की कमियों की भरपाई के लिए। आम आदमी पार्टी मुंबई में मनपा को जवाबदेह बनाए रखेगी और हमें उम्मीद है कि मुंबई में सुशासन के दिल्ली मॉडल को लागू करने के लिए मुंबईकर हमें चुनेंगे। "