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दक्षिण भारत में भाजपा के भाग्य का दरवाजा क्या अब खुल जाएगा?
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ग्रेटर हैदराबाद। म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनाव के नतीजे दक्षिण भारत में भाग्य के दरवाजे खोल सकते हैं. इस चुनाव में बीजेपी ने एक बात साबित कर दी कि उसके लिए लोकसभा और लोकल चुनावों में फर्क नहीं होता. हर जगह वो एड़ी चोटी का जोर लगा देती है.इलाका टीआरएस का, किला ओवैसी का, लेकिन चुनावी रिजल्ट ने हैदराबाद में बीजेपी की दमदार एंट्री का अध्याय लिख दिया. जो परिणाम सामने आए वो सियासत के मैदान में किसी चमत्कार से कम नहीं हैं.सियासत की जिस जमीन पर बीजेपी के लिए दहाई का आकड़ा छूना मुश्किल था, उसी सियासी जमीन पर बीजेपी ने असंभव मिशन को संभव में बदल दिया.
बीजेपी नंबर टू पार्टी बन गई जबकि ओवैसी का नंबर थ्री पर पहुंच गए. 149 सीटों के परिणाम में टीआरएस को 55 सीट, बीजेपी को 48 सीट और AIMIM को 44 सीट पर जीत मिली जबकि कांग्रेस को 2 सीट से संतोष करना पड़ा. हैदराबाद के लोकल इलेक्शन को समझने के लिए आपका 2016 और 2020 के रिजल्ट के अंतर को समझना होगा. बीजेपी ने 2016 में 4 सीट जीती. 2020 में 48 सीट जीती. 4 से 48 सीट तक पहुंची यानी भगवा पार्टी ने 12 गुना ज्यादा सीटें जीती.चार साल बाद हैदराबाद को भाग्यनगर बनाने निकली बीजेपी का भाग्य जाग उठा।