क्या भारत से कभी खत्म नहीं होगा करप्शन? रिश्वतखोरी के ये आंकड़े देख शर्म से झूक जाएंगी आंखें
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नई दिल्ली। तो क्या भारत से करप्शन कभी खत्म नहीं होगा। सर्वे देखकर आंखे शर्म से झूक जाएंगी। रिश्वतखोरी के मामले में भारत की स्थिति एशिया में खराब है। यहां घूसखोरी की दर 39% है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनैशनल के एक सर्वे के मुताबिक, केवल 47% लोग मानते हैं कि पिछले 12 महीनों में भ्रष्टाचार बढ़ा है। 63 फीसदी लोगों की राय है कि सरकार भ्रष्टाचार से निपटने में अच्छा काम कर रही है। सर्वे के अनुसार, भारत में सरकारी सुविधाओं के लिए 46% लोग निजी कनेक्शंस का सहारा लेते हैं। रिश्वत देने वाले करीब आधे लोगों से घूस मांगी गई थी। भारत के बाद सबसे ज्यादा घूसखोरी कम्बोडिया में है जहां 37 फीसदी लोग रिश्वत देते हैं। 30% के साथ इंडोनेशिया तीसरे नंबर पर है।
मालदीव और जापान में घूसखोरी की दर पूरे एशिया में सबसे कम हैं जहां केवल 2% लोग ही ऐसा करते हैं। दक्षिण कोरिया और जापान की स्थिति भी बेहतर है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनैशनल के सर्वे में पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया। बांग्लादेश में घूसखोरी की दर भारत के मुकाबले काफी कम (24%) है जबकि श्रीलंका में यह 16% है। 'ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर - एशिया' के नाम से प्रकाशित अपनी सर्वे रिपोर्ट के लिए ट्रांसपेरेंसी इंटरनैशनल ने 17 देशों के 20,000 लोगों से सवाल पूछे।
यह सर्वे जून और सितंबर के बीच हुआ। उनसे पिछले 12 महीनों में भ्रष्टाचार के अनुभवों की जानकारी मांगी गई। मलेशिया, इंडोनेशिया और थाइलैंड में सेक्सुअल एक्सटॉर्शन के मुद्दे को भी रिपोर्ट में प्रमुखता से उठाया गया है। भारत में जिन लोगों का सर्वे हुआ, उनमें से पुलिस के संपर्क में आए 42% लोगों ने घूस दी। पहचान पत्र जैसी सरकारी दस्तावेज हासिल करने के लिए भी 41% लोगों को घूस देनी पड़ी। निजी कनेक्शन का इस्तेमाल कर काम निकलवाने के मामले सबसे ज्यादा पुलिस (39%), आईडी हासिल करने (42%) और अदालती मामलों (38%) से जुड़े रहे।