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BMC चुनाव में क्या उत्तर भारतीय मतदाताओं को कांग्रेस की तरफ लाने में सफल हो पाएंगे भाई जगताप?

BMC चुनाव में क्या उत्तर भारतीय मतदाताओं को कांग्रेस की तरफ लाने में सफल हो पाएंगे भाई जगताप?
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मुंबई। मुंबई मनपा का चुनाव जनवरी-फरवरी 2022 में होना है। बीएमसी चुनाव में कांग्रेस ज्यादा सीटें जीत कर अपना पुराना जनाधार मुंबई में वापस पाना चाहती है। इसके लिए वह अभी से तैयारी में जुट गई है। शायद इसीलिए कांग्रेस ने मुंबई की कमान भाई जगताप के हाथों में दे दी है। भाई जगताप को मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट उत्तर भारतीय नेता सवाल उठा रहे है कि जो कमेटियां बनाई गई हैं। उनमें किसी उत्तर भारतीय को तरजीह नहीं दी गई। हालांकि पहले ही मुंबई के कई उत्तर भारतीय लीडर भाजपा में जा चुके हैं। अभी मुंबई की कायर्यकारिणी बाकी है, उसमें जगह उत्तर भारतीय नेताओं को दी जा सकती है। मोदी लहर के बाद मुंबई के उत्तर भारतीय मतदाताओं को झुकाव भाजपा की तरफ हुआ है, जबकि इसके पहले कांग्रेस की तरफ था। गुजराती, राजस्थानी मतदाताओं को भी कांग्रेस की तरफ लाना काफी कसरत करनी पड़ेगी।

अगला बीएमसी चुनाव मराठी बनाम मराठी होने के आसार

भले ही मुंबई भाजपा के अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा हों, लेकिन बीएमसी चुनाव की जिम्मेदारी कांदिवली के भाजपा विधायक अतुल भातखलकर को दी गई है। अगला बीएमसी का चुनाव मराठी बनाम मराठी होगा, चूंकि कांग्रेस ने मराठा चेहरा भाई जगताप को अध्यक्ष बनाकर मराठी वोटों को भुनाने की कोशिश की है। अब सवाल है कि बीएमसी चुनाव में देश की दोनों राष्ट्रीय दल भाजपा-कांग्रेस किसके तरफ मुंबई के उत्तर भारतीय मतदाता जाएंगे यह बड़ा सवाल है। चूंकि मराठी वोटों पर शिवसेना, एनसीपी व अन्य क्षेत्रीय दलों का जनाधार है। मराठी वोट हर दलों में बंटेंगे, पर बीएमसी चुनाव की सत्ता उसी के हाथ में जाएगी, जिसकी तरफ उत्तर भारतीय मतदाताओं का झुकाव होगा। चूंकि मुंबई में बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय रहते हैं। इनका जिसकी तरफ एकमुश्त वोट पड़ेगा उसका अवश्य पलड़ा भारी होगा। 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मुंबई की 36 सीटों में से मात्र चार सीटें ही मिलीं। आज मुंबई की 6 लोकसभा सीटों में एक भी सांसद कांग्रेस का नहीं है। तीन भाजपा तो तीन शिवसेना के सांसद हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाई जगताप कोलाबा से चुनाव लड़े थे, पर भाजपा के राहुल नार्वेकर के सामने हार गए. हालांकि भाई जगताप 2004 में खेतवाड़ी सीट से विधायक चुने गए थे।

क्या मनपा चुनाव में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस का होगा गठबंधन

भाई जगताप अखिल भारतीय मराठा महासंघ से जुड़े हुए हैं, जिसकी मराठा समुदाय में पकड़ है। महासंघ ने लेबर यूनियन, अखिल भारतीय कामगार कर्मचारी महासंघ को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि जबसे जगताप मुंबई अध्यक्ष बने हैं, तबसे ही अकेले चुनाव लड़ने का सूर आलाप रहे हैं। पर कांग्रेस नेतृत्व में अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं. एक तरफ महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात गठबंधन की बात कह रहे हैं। तो जगताप अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं. हालांकि यह भी सच है कि मनपा चुनाव में शिवसेना-एनसीपी कांग्रेस का गठबंधन होने पर सीटों का बंटवारा करना अपने आप में बड़ी चुनौती होगी, खैर यह तो समय बताएगा चूंकि अभी एक साल का समय शेष है। कांग्रेस 1992 से लेकर 1997 के बीच मनपा की सत्ता संभाल चुकी है. 2017 के चुनाव में भाजपा ने मनपा में 82 सीटें हासिल की थीं. वहीं मुंबई में कांग्रेस के 31 नगरसेवक हैं। अबकी बार भाजपा, शिवसेना के हाथ से मनपा की सत्ता छीनने का पहले बीड़ा उठा चुकी है। 2022 का बीएमसी चुनाव काफी रोचक होने वाला है।


Updated : 24 Dec 2020 6:53 PM IST
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