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नियमों को ताक पर रखकर परमबीर सिंह ने कैसे लिया था सचिन वाजे को पुलिस विभाग मे दोबारा लाने का निर्णय
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मुंबई : मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के ऊपर आरोपों की कई झड़ी लगी हुई है उसमे से एक है सचिन वाजे को पुलिस विभाग में वापस नौकरी पर लेने का आरोप. सचिन वाजे की अंटालिया काण्ड में मुख्य भूमिका होने के बाद हर कोई ये सवाल उठाने लगा की आखिर डिपार्टमेंट में वाजे की दोबार एंट्री किसके कहने पर हुई. किसी ने सरकार के मंत्रियो पर आरोप लगाया तो किसी ने परमबीर सिंह को ही इसका जिम्मेदार माना.
सचिन वाजे को पुलिस विभाग में ले भी लिया लेकिन क्राइम इंटेलिजेंट यूनिट का प्रमुख भी बना दिया. इस पुरे मामले की जांच हमने की तो सूत्रों के हवाले से पता चला कि 20 जून 2020 को सचिन वाजे के निलंबन को लेकर एक बैठक ली गयी थी और इस बैठक में तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सचिन वाजे के निलंबन को वापस लेने का फैसला लिया और 8 जून 2020 को पुलिस शस्त्र विभाग में ड्यूटी दी गयी. बाद में बैठक में निर्णय लेकर क्राइम ब्रांच में तैनात किया उसके बाद क्राइम इंटेलीजेन्स यूनिट प्रमुख बनाया गया जिसका महकमे में निचली आवाज में विरोध भी किया गया. परमबीर सिंह ने वाजे को अपने पद का इस्तेमाल करते हुए आसानी से क्राइम इंटेलीजेन्स यूनिट (CIU ) में बिठा दिया.
क्राइम इंटेलीजेन्स यूनिट (CIU ) में सचिन वाजे को लाने के लिए वहा के अधिकारी की ट्रांसफर दूसरी जगह की गयी और उनकी जगह पर वाजे को लाया गया जबकि वाजे नियमानुसार क्राइम इंटेलीजेन्स यूनिट के प्रमुख पद पर नहीं बैठ सकता था.क्योंकि पोलिस निरिक्षक को यूनिट का प्रमुख बनाया जाता है ना कि अस्सिस्टेंट पोलिस निरीक्षक को.
सचिन वाजे को कोरोना काल में दोबारा नौकरी पर लेने की वजह क्या थी, क्योंकि ना तो वाजे कोरोना रोकथाम को लेकर मुंबई पुलिस के किसी टास्क फ़ोर्स का हिस्सा थे और ना ही डॉक्टर थे.परमबीर सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान इतनी जल्दबाजी से ऐसे किसी अफसर को नौकरी पर वापस लिया है क्या जिसपर जांच चल रही हो तो जवाब होगा नहीं, तो सचिन वाजे पर परमबीर सिंह इतने मेहरबान क्यों थे इसकी तो जाँच होनी ही चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.