अर्नब का थोबड़ा बंद किया था वाझे ने,इसलिए फड़फड़ा रही भाजपा:SS
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मुंबई। क्या भाजपा पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को इसलिए टारगेट कर रही है,क्योंकि वाझे ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ चल रहा आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दोबारा खोला था। शिवसेना ने गुरुवार को इस तरह का सवाल किया है। मुखपत्र सामना में संपादकीय लिखकर कहा है कि वाझे ने बीजेपी के लाडले गोस्वामी का थोबड़ा बंद कर दिया, इसलिए भाजपा फड़फड़ा रही है। मनसुख हिरेन मामले में शोर मचाना ठीक नहीं है। मनसुख हिरेन की तरह मुंबई में दो लोगों की जान गई है। अर्नब गोस्वामी द्वारा परेशान किए जाने पर अन्वय नाईक ने आत्महत्या की और इस मामले को फडणवीस जब मुख्यमंत्री थे उस समय सरकार ने दबा दिया।
इस मामले की फाइल पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने ही खोली और गोस्वामी को जेल में डाल दिया। गोस्वामी को आत्महत्या और टीआरपी घोटाले का जवाब देना होगा। चूंकि सचिन वाझे उसकी गर्दन पकड़ेंगे इसलिए वाझे के खिलाफ विपक्षी दल हमला बोल रहे हैं। अर्नब गोस्वामी को इंटीरियर डिजाइनर के आत्महत्या किए जाने के मामले में पिछले साल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, जिसके कई दिनों के बाद उन्हें जमानत मिल सकी थी। शिवसेना ने सवाल किया है कि अन्वय नाईक के मामले में गोस्वामी जमानत पर छूट गए हैं, लेकिन इस मामले में विरोधी दल के लोग क्यों कुछ नहीं बोलते?
दादरा-नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या के मामले का भी जिक्र किया गया है। इसको लेकर शिवसेना ने बीजेपी को घेरा है। शिवसेना ने लिखा, ''दादरा-नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या की घटना हुई। डेलकर ने सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसे सबूत माना जा सकता है। डेलकर की पत्नी और उनके बच्चे ने मामले की जांच कराने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात भी की।