Home > ट्रेंडिंग > ऑनलाइन क्लासेस में घंटों ईयरफोन लगाने वालों पर मंडरा रहा यह खतरा!

ऑनलाइन क्लासेस में घंटों ईयरफोन लगाने वालों पर मंडरा रहा यह खतरा!

ऑनलाइन क्लासेस में घंटों ईयरफोन लगाने वालों पर मंडरा रहा यह खतरा!
X

फाइल photo

मुंबई। वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन क्लासेस, ऑनलाइन गेम, म्यूजिक ज्यादा सुनने जैसे कोरोना काल में बदलाव नई मुसीबत लाया है. घंटों कान में लगे इयरफोन के कारण लोगों में कान की तकलीफ कई गुना बढ़ी है. दर्द, फ़ंगल इंफ़ेक्शन और सुनने में तकलीफ़ के साथ लोग अस्पताल का रुख कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान इयरफोन के ज़्यादा इस्तेमाल से कान की तकलीफों में कई गुना वृद्धि हुई है. कान में दर्द, फंगल इंफेक्शन और सुनने में दिक्कत जैसी कई शिकायतों के साथ मरीज अस्पतालों का रुख़ कर रहे हैं.

''इस महामारी में जब से लोग वर्क फ़्रोम होम कर रहे हैं या ऑनलाइन क्लासेस चल रहे हैं, या घर पर बैठ कर गेम खेल रहे हैं. इसकी वजह से दो तीन तकलीफ़ें ज़्यादा दिख रही हैं. कान दर्द, दूसरा ईयर कनैल का इंफ़ेक्शन, लोगों को साउंड का भी पता नहीं है वॉल्यूम कितना रखना है तो सुनने की भी दिक्कत है लोगों में.'' मुंबई में नमी यानी ह्यूमिडिटी भरा मौसम भी ऐसे संक्रमण का मुख्य कारण है, बीते कुछ हफ़्तों में कान की तकलीफ़ों के मामले फ़ोर्टिस में चार गुना तो में क़रीब 20-30% बढ़े हैं. डाक्टरों का मानना है कि मुंबई का मौसम ह्यूमिडिटी भरा है उसमें फ़ंगस मोईस्चर के कारण इंफ़ेक्शन बढ़ रहे हैं. ऐसे मरीज़ हम अभी ज़्यादा देख रहे हैं,

पहले OPD में 1-2 ऐसे मरीज़ होते थे वो चार गुना बढ़ गए हैं. इसके कारण से 10-20% टेम्परेरी बहरापन भी आ सकता है. आगे चलकर अगर ईयरफ़ोन के ज़रिए लाउड आवाज़ में सुनते रहे तो बहरापन गहरा सकता है. 'एक्सपर्ट इससे बचने के आसान तरीके बताते हैं कि ब्रेक के साथ ईयर या हेड फ़ोन का इस्तेमाल हो, लम्बे देर तक तेज़ आवाज़ में ना सुनें, और बार बार ईयर फ़ोन की सफ़ायी बेहद ज़रूरी है।

Updated : 20 Nov 2020 9:59 AM GMT
Tags:    
Next Story
Share it
Top