किसान आंदोलन से इन राज्यों को प्रतिदिन हो रहा है 3500 करोड़ का नुकसान
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नई दिल्ली। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम ने किसान आंदोलन को जल्द सुलझाने के लिए केंद्र सरकार और किसान संगठनों से अपील की है. संस्था का कहना है कि इस आंदोलन की वजह से पंजाब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है. हर रोज़ करीब 3500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.
एसोचैम के मुताबिक इन तीनों ही राज्यों के कई उद्योग खेती-किसानी पर निर्भर हैं. कोरोना से हुए बड़े नुकसान के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था उभरने की कोशिश कर रही है. लेकिन चल रहे विरोध-प्रदर्शनों के कारण रोड-हाईवे और ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़े बजट को खर्च करने की सरकार की प्रतिबद्धता पूरी होने में बाधा आ रही है. कृषि क्षेत्र में सुधारों से अधिक निवेश आएगा और उससे रोजगार और समृद्धि बढने से लोगों को ही फायदा होगा.
भारतीय जनता पार्टी की नेता और मध्य प्रदेश की पर्यटन-संस्कृति और आध्यात्म विभाग की मंत्री उषा ठाकुर ने इंदौर में कहा कि पंजाब और हरियाणा में उच्च कोटि के दलाल सुनियोजित तरीके से किसान आंदोलन को चला रहे हैं. इसमें वामपंथी सोच और 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' समाहित हो गई और किसानों की परिस्थिति का फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है. इसमें ये गैंग कभी कामयाब नहीं होगी।