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इन 12 राज्यों में थम रही है कोरोना की रफ्तार, लेकिन रहे सावधान

इन 12 राज्यों में थम रही है कोरोना की रफ्तार, लेकिन रहे सावधान
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मुंबई : कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच केंद्र सरकार ने बीते सोमवार को कहा कि 'कुछ राज्यों में कोविड-19 के दैनिक मामलों में वृद्धि जारी रहना चिंता का विषय है, जबकि दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में दैनिक मामलों में स्थिरता के 'बहुत प्रारंभिक संकेत' मिले हैं. संक्रमण के चक्र को तोड़ने के प्रयास जारी हैं.'

इसी के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि 'दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब, झारखंड और उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के दैनिक मामलों में स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में दैनिक मामलों में वृद्धि हो रही है.'

खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में बीते 24 अप्रैल को कोरोना संक्रमण के 25,294 नए मामले सामने आए थे. तो 2 मई को यहां पर 24,253 कोरोना के नए मामले सामने आए थे और महाराष्ट्र में 24 अप्रैल को कोरोना संक्रमण के 65,442 जबकि 20 अप्रैल को 62,417 कोरोना के नए मामले आए थे.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में 29 अप्रैल को 15,583 कोरोना के नए मामले सामने आए थे, जबकि 2 मई को 14,087 कोरोना के नए मामले सामने आए. दमन और दीव, गुजरात, झारखंड, लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है.

कोरोना मामलों को लेकर जिलों के संबंध में अग्रवाल ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ के दुर्ग, गरियाबंद, रायपुर, राजनांदगांव, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, गुना, शाजापुर, लद्दाख के लेह और तेलंगाना के निर्मल में पिछले 15 दिनों में मामलों में गिरावट के संकेत देखे गए हैं. महाराष्ट्र के 12 जिलों में पिछले 15 दिन में गिरावट के संकेत सामने आए हैं.'

उन्होंने आगे कहा कि 'हालांकि, ये बहुत शुरुआती संकेत हैं और इनके आधार पर स्थिति का विश्लेषण करना जल्दबाजी होगी, जिला और राज्य स्तर पर रोकथाम के प्रयासों को जारी रखना महत्वपूर्ण है, ताकि हम इस बढ़त को बरकरार रखते हुए मामलों पर लगाम लगा सकें. 12 राज्य ऐसे हैं जहां उपचाराधीन रोगियों की संख्या 1 लाख से अधिक हैं.'

अग्रवाल ने आगे कहा कि 'इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु शामिल हैं. 7 राज्यों में मरीजों का आंकड़ा 50 हजार से 1 लाख और 17 राज्यों में 50 हजार से कम है. 22 राज्य ऐसे हैं जहां संक्रमण दर 15 प्रतिशत से अधिक है और 9 राज्यों में संक्रमण दर 5 से 15 प्रतिशत के बीच है और 5 राज्यों में यह 5 प्रतिशत से कम है.'

सचिव लव अग्रवाल उन्होंने कहा कि 'अंडमान निकोबार, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में दैनिक मामलों मे वृद्धि देखी जा रही है.'

अग्रवाल ने कहा कि 'फिलहाल, सूक्ष्म-स्तर पर मामलों का विश्लेषण करना और उन क्षेत्रों में प्रयासों को जारी रखना महत्वपूर्ण है जहां से मामले सामने आए रहे हैं.'

टीकाकरण के बारे में सचिव लव अग्रवाल कहा कि 'देश में अब तक कोविड-19 टीकों की 15.72 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं. इनमें से 12.83 करोड़ लोगों को पहली जबकि 2.89 करोड़ लोगों को दूसरी खुराक दी गई. 18 से 44 साल की आयु के लोगों को पहली खुराक के तौर पर 0.02 करोड़ टीके लगाए गए हैं.'

अग्रवाल ने कहा कि '12 राज्यों में एक मई से 18 से 44 साल की आयु के लोगों को टीके लगाने की शुरुआत हो चुकी है. देश में चिकित्सीय ऑक्सीजन की कमी के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार इसके उत्पादन के लिये नाइट्रोजन संयंत्रों के रूपांतरण की संभावना तलाश रही है.' इसी बीच, एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने हल्के कोविड-19 लक्षणों में सीटी स्कैन की जल्दबाजी को लेकर आगाह करते हुए कहा कि 'इसके दुष्प्रभाव होते हैं और फायदे से अधिक नुकसान हो सकता है.'

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने आगे कहा कि 'एक सीटी स्कैन 300 से 400 छाती एक्स-रे के समान होता है. आंकड़ों के अनुसार युवा अवस्था में बार-बार सीटी स्कैन कराने से बाद में कैंसर होने का खतरा पैदा हो जाता है. बार-बार रेडिएशन से गुजरने से बहुत नुकसान हो सकते हैं. लिहाजा यदि ऑक्सीजन का स्तर सामान्य है तो कोविड-19 के हल्के लक्षणों में सीटी स्कैन कराने की कोई जरूरत नहीं है.

Updated : 4 May 2021 12:28 PM IST
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