बॉम्बे हाईकोर्ट से सोनू सूद को नहीं मिली राहत,अवैध निर्माण के नोटिस को रद्द करने की याचिका खारिज
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक्टर सोनू सूद की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मनपा द्वारा उन्हें जारी किए गए एक अनधिकृत निर्माण नोटिस को चुनौती दी थी। उनकी याचिका को पिछले महीने सिटी सिविल कोर्ट ने भी खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की एकल पीठ में सुनवाई हुई। मनपा की ओर से अक्टूबर 2020 में अभिनेता को अवैध निर्माण का एक नोटिस दिया गया था, इसमें कहा गया था कि उन्होंने अपने जुहू स्थित छह मंजिला आवासीय भवन को बिना किसी परमिशन के एक होटल के रूप में परिवर्तित कर दिया था। यह महाराष्ट्र क्षेत्रीय टाउन प्लानिंग एक्ट की धारा 53 के गलत गई।
मनपा ने इसी मामले की सुनवाई के दौरान सोनू सूद को 'आदतन अपराधी' भी कहा था। मनपा के मुताबिक अभिनेता ने दो बार आवासीय इमारत को होटल में बदलने की कोशिश की है। मनपा ने सोनू के खिलाफ जुहू पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई के दौरान सोनू सूद की ओर से उनके वकील अमोघ सिंह ने दावा किया कि उन्होंने "शक्ति सागर" नाम की इमारत में कोई अवैध निर्माण नहीं किया है। अमोघ सिंह ने कहा, 'याचिकाकर्ता ( सोनू सूद) ने मनपा से अनुमति लेने वाला कोई बदलाव भवन में नहीं किया है। केवल वही बदलाव किए गए हैं जिनकी महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन (MRTP) अधिनियम के तहत अनुमति है।
याचिका के माध्यम से सूद ने नोटिस को रद्द करने और उनके खिलाफ कोई 'कठोर' कार्रवाई नहीं करने पर अंतरिम राहत देने की मांग की थी। हाईकोर्ट के समक्ष अपने हलफनामे में वरिष्ठ वकील अनिल सखारे के माध्यम से मनपा ने कहा कि सूद एक 'आदतन अपराधी' हैं, जो अनधिकृत कार्य की वाणिज्यिक आय का आनंद लेना चाहते हैं और इसलिए एक बार ध्वस्त किए गए हिस्से का अवैध रूप से और लाइसेंस विभाग से अनुमति के बिना फिर से निर्माण शुरू कर दिया ताकि होटल के रूप में इसे चालू कर सकें।"