शरद पवार 4 साल के लिए राकांपा के फिर से अध्यक्ष चुने गए
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स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, नई दिल्ली: आज नई दिल्ली में हुई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की विस्तृत राष्ट्रीय कार्य समिति बैठक में उपस्थित पार्टी के सहकारी मित्रों से संवाद साधा और अपने विचार रखे। पार्टी ने सर्वसम्मति से फिर एक बार शरद पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चयन किया है। कोरोना के चलते एनसीपी कांग्रेस का दो साल से सत्र नहीं चल सका, राकांपा का आठवां अधिवेशन कल से शुरू होगा। बैठक लेने के लिए कुछ रुकावट आई थी, इसलिए उस कठिन समय में हम लोग मिल नहीं सके। मुझे खुशी है की आज बड़े पैमाने पर हम सब वर्किंग कमिटी की बैठक के लिए इकठ्ठा हुए है।
पिछले दो सालों में राष्ट्रीय अधिवेशन हम नहीं ले सके वही अधिवेशन लेने का मौका हमें अब मिल रहा हैं। इस अधिवेशन की जिम्मेदारी पहली बार एनसीपी यूथ कांग्रेस और एनसीपी स्टूडेंट कांग्रेस ने उठाई है। वर्तमान में हम देश में एक अलग माहौल देख रहे हैं। जिन लोगों के हाथ में देश की सत्ता है। हमारा कार्यकारी राजनीतिक संकल्प लिखित रूप में आपके पास आएगा। जो लोग इस संबंध में बोलना चाहते हैं उन्हें बोलने का मौका दिया जाएगा, किसानों की समस्याओं के समाधान में सरकार की नीतियां कैसी हैं, पूरे देश ने देखा है। इस दो दिन के कार्यक्रम के लिए राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस और राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस के हर राज्य के प्रतिनिधि यहां आमंत्रित है। शरद पवार ने कहा कि सभी नौजवान पीढ़ी के सहयोगियों का मैं यहां खुले दिल से स्वागत करता हूं।
देश की आजादी के बाद से ऐसा कभी नहीं हुआ... देश के किसान दिल्ली आते हैं.. दिल्ली की सीमाओं पर बैठ जाते हैं। वे एक साल से विरोध कर रहे हैं। और जिन लोगों की समस्याओं को सुनने की जिम्मेदारी थी, उनकी अनदेखी की गई। उनसे चर्चा तक नहीं की संसद के दोनों सदनों में 10 मिनट से भी कम समय में तीन कृषि विधेयक पारित हो गए। सदन को इस पर चर्चा करने का अधिकार है। यह भी नहीं माना गया, देश में धान की पैदावार बढ़ी है। और दुनिया के कई देशों में धान की कमी है। ऐसे में निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बेरोजगारी एक बड़ी समस्या.. आज देश का युवा दुखी है शरद पवार
उनकी समस्या हल करने के लिए कुछ खास कदम उठाए नहीं गए, इसलिए आज देश का नौजवान दुखी है। देश में महिलाओं की स्थिति क्या है इस पर ज्यादा बोलने की आवश्यकता नहीं है। समाज का एक बड़ा हिस्सा आज नौजवानों का है। उन नौजवानों के सामने सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। इस बारे में क्या कदम उठाने चाहिए इस पर जगह-जगह चर्चा होती है। कई जगह नौजवानों ने संघर्ष किया। अगर भारत सरकार ने इस तरह से कदम नहीं उठाने की नई पीढ़ी के सामने निराशा आई है।
पीएम मोदी की नीतियों पर बरसे शरद पवार
इसलिए मुझे लगता है की, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के हर कार्यकर्ता को लोगों की समस्याओं के बारे में, देश जिससे दुखी है ऐसी सभी समस्याओं के बारे में हमें सोचना होगा और कुछ ठोस कार्यक्रम हाथ में लेना होगा। प्रधानमंत्री जी ने जो महिला सम्मान की बात की वह सम्मान की व्याख्या क्या है यह भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात और देशवासियों को दिखाया है। ऐसे कई प्रश्न समाज के कई वर्गों के सामने हैं। उसी गुजरात में बिलकिस बानो नाम की बहन पर जो अत्याचार किए गए, उनके बाल बच्चों पर अत्याचार किए गए। उनकी हत्या की गई, उनके परिवार के लोगों की हत्या की गई, ऐसे गलत काम में जो लोग शामिल थे, उनकी सजा कम करने का काम भारतीय जनता पार्टी की गुजरात सरकार ने किया। मुझे आश्चर्य है कि 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल महिलाओं की गरिमा पर संबोधन किया... गुजरात, जहां से प्रधानमंत्री आते हैं, ने हमारी बहन बिलकिस बानो को प्रताड़ित किया और उसके परिवार को प्रताड़ित किया। उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई। गुजरात सरकार ने उन दोषियों को रिहा करने का काम किया। मुझे आश्चर्य होता है लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए महिला सम्मान की बात की। एक तरफ देश के प्रधानमंत्री महिला सम्मान की बात करते हैं।
किसानों की समस्या को सबसे ज्यादा आगे रखा शरद पवार ने
पैदावारी यहां बढ़ाकर, दुनिया की मार्केट का लाभ लेना, यह किसानों का हक है। मगर इस हक पर भी एक तरह का संकट लाने का काम भारत सरकार ने किया है। इस से एक बात साफ होती है की देश की साठ प्रतिशत आबादी जो कृषि क्षेत्र में है उनकी समस्या पर ध्यान देने के यह सरकार तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति में किसानों को दो पैसे ज्यादा मिलने की संभावना थी, मगर भारत सरकार ने राइस एक्सपोर्ट के लिए २० प्रतिशत ड्यूटी घोषित की और कल ही एक नया कदम उठाया की जो धान का छोटा हिस्सा है उन्हें एक्सपोर्ट करने की इजाजत पर पाबंदी लगाई गई। किसानों की और बहुत समस्याएं है, जब जब देश में फसल ज्यादा होती है तब आंतरराष्ट्रीय मार्केट में जाने का मौका किसानों को होता हैं। देश में इस साल धान का उत्पादन बढ़ा है और दुनिया के कई देशों में धान की कमी है। भारत सरकार ने पार्लियामेंट में तीन कृषि कानून किए। यह कानून खेती के क्षेत्र के बारे में थे। किसानों के बारे में थे। आपको आश्चर्य होगा की यह तीनों कानून लोकसभा और राज्यसभा इन दोनों सदन में दस मिनट से भी कम समय में पारित किये गए। स्वतंत्रता के बाद कभी नहीं हुआ की देश के किसान राजधानी में आते हैं, दिल्ली की सीमा पर आकर बैठते हैं और एक साल आंदोलन करते हैं। उनकी समस्याएं जानने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की थी। मगर उनसे बात भी ना करते हुए सरकार ने उन्हें नजरअंदाज किया। आज कई ऐसी समस्याएं है जो देश की आम जनता को हर दिन सहन करने की नौबत आ रही है। किसान देश का बहुत बड़ा हिस्सा है, मगर किसानों की समस्याएं हल करने की जिम्मेदारी किस सरकार के ऊपर है, उनका रवैया किसानों के साथ कैसा है, वह पुरे देश ने देखा है।
बैठक के दौरान राकांपा के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि गुजरात में बिलकीस बानो की जो घटना हुई, उस केस के ११ आरोपियों को गुजरात सरकार ने छोड़ दिया, कर्नाटक में हुई हिजाब की घटना, इस से महिलाओं का सम्मान देश में नही हो रहा, यह प्रदर्शित होता है। आगे प्रफुल पटेल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के विषय में पवार साहब ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। पंचायत राज में महिलाओं को ५० प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया गया। और डिफेन्स में भी महिलाओं को प्रतिनिधित्व करने की संधी उपलब्ध कि गई। देश की बुनियाद को ही हिलाने का काम आज हो रहा है। आज देश में जो राजकीय परिस्थिती है इस में हम सभी को सावधान रहना होगा, ऐसा आवाहन उन्होंने किया। देश में जो परिस्थिती है, उसपर अलग अलग पार्टी के नेता पवार साहब से सलाह लेते है। आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में राष्ट्रीय महासचिव, सांसद प्रफुल्ल पटेल ने शरद पवार साहब को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर पुनर्निर्वाचित होने पर समस्त राकांपा परिवार की तरफ से बधाई और शुभकामनाएं दी।