Maharashtra औरंगाबाद के नामांतरण पर संजय राउत ने कांग्रेस को दिखाया ठेंगा, कही ये बात
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मुंबई। शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक और शिवसेना सांसद संजय राऊत ने 'सामना' में कांग्रेस पर हमला बोला है. अपने आलेख 'रोखठोक' में संजय राऊत ने कांग्रेस के सेक्युलरिज्म पर तंज कसा है.कांग्रेस ने मुगल बादशाह औरंगजेब को सेक्युलर बताया था, शिवसेना सांसद संजय राऊत ने 'सामना' में कांग्रेस की इसी बात की खिल्ली उड़ाई है. 'हिंदुस्तान का संविधान सेक्युलर है. सही बात है, मगर बाबर, औरंगजेब, शाइस्ता खान, ओवैसी जैसे लोगों को हम सेक्युलर कैसे मान लें?'. राऊत ने लिखा, 'औरंगजेब के मन में तो गैर-मुस्लिमों के खिलाफ भयंकर तिरस्कार की भावना थी. उसने हिंदुओं और सिक्खों के खिलाफ काफी घात-प्रतिघात किए हैं. ऐसी विरासत को हम संभाल कर क्यों रखें?'.सामना में संजय राऊत लिखते हैं, 'औरंगजेब कौन था, यह बात कम से कम महाराष्ट्र में तो किसी को समझाने की जरूरत नहीं है.
औरंगजेब के दरबार में छत्रपति शिवाजी महाराज की तलवार की तेजी दमकी और चमकी थी. छत्रपति शिवाजी महाराज के आगरा से गायब होने की वीरगाथा इसके बाद ही घटी थी. महाराष्ट्र ने औरंगजेब के साथ डट कर लोहा लिया था. उन युद्धों का नेतृत्व पहले छत्रपति शिवाजी महाराज और फिर छत्रपति संभाजी राजे ने किया था, इसलिए सच्चे मराठी और कट्टर हिंदुओं के मन में औरंगजेब को लेकर आकर्षण की कोई वजह नहीं है'. मराठवाड़ा के सरकारी कागजों पर 'औरंगाबाद' नाम से दर्ज शहर का नामकरण संभाजीनगर हो, इस पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है. कांग्रेस जैसी 'सेक्युलर' पार्टियां औरंगाबाद शहर का नाम संभाजी नगर किए जाने के पक्ष में नहीं है. उन्हें लगता है कि औरंगाबाद का नाम बदले जाने से मुस्लिम समाज नाराज हो जाएगा और कांग्रेस का वोट बैंक प्रभावित होगा. इससे कांग्रेस के सेक्युलर इमेज पर भी सवाल उठ खड़े होंगे.
नाम बदले जाने के विरोध में खड़ी पार्टियां बार-बार यह सवाल उठा रही हैं कि नाम बदलने से जनता की समस्याएं, विकास का प्रश्न हल होने वाला है क्या? अगर यह प्रश्न सही भी है, तो भी महाराष्ट्र का एक बड़ा तबका किसी भी प्रकार से औरंगजेब से जुड़ी किसी भी तरह की धरोहर या यादें संभालकर रखे जाने के पक्ष में नहीं होगा'. संजय राऊत ने नामांतरण पर शिवसेना का समर्थन दोहराया है और कांग्रेस को अंगूठा दिखाया है. कांग्रेस अकेली पड़ गई है. मतलब साफ है, संजय राऊत ने कांग्रेस के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है. शिवसेना, औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर किए जाने को लेकर आक्रामक हो गई है. औरंगाबाद दौरे से आदित्य ठाकरे का बयान भी कुछ इसी तरह का आया है.आदित्य ठाकरे ने अपने बयान में कहा, 'वो शेर (बालासाहब ठाकरे) के नाती हैं. संभाजीनगर नाम होकर रहेगा।