US Election: चाहे कोई भी जीते, भारत-अमेरिका के संबंध रहेंगे मजबूत
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वाशिंगटन। अमेरिका में मंगलवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम चाहे जो भी हों, भारत के साथ अमेरिका के रणनीतिक संबंधों की वर्तमान गति बरकरार रहने की उम्मीद है। यह संकेत नीतिगत दस्तावेजों और राष्ट्रपति पद के लिए दोनों प्रत्याशियों के प्रचार के दौरान की गई टिप्पणियों से मिलता है। डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में व्हाइट हाउस में भारत के सबसे अच्छे दोस्त के रूप में उभरे और इस संबंध को एक नए स्तर पर ले गए। नरेंद्र मोदी के साथ ट्रंप की मित्रता जगजाहिर है। दोनों नेताओं की यह मित्रता उन रैलियों में परिलक्षित हुई जिन्हें उन्होंने एक वर्ष से कम समय में अमेरिका और भारत में संबोधित किया।
ट्रंप ने मोदी के साथ बने संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि उन्हें ''भारत का अच्छा समर्थन हासिल है।'' ट्रंप ने ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में अपने ऐतिहासिक संबोधन को याद करते हुए कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी मेरे एक मित्र हैं और वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। कुछ भी आसान नहीं है, लेकिन उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है। अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के पास तीन दशक से अधिक समय के लिए डेलावेयर से सीनेटर के रूप में और फिर बराक ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उप-राष्ट्रपति के रूप में आठ वर्षों के दौरान मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों की वकालत करने एक मजबूत रिकॉर्ड है।
रिपब्लिकन प्रशासन के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के पारित होने और द्विपक्षीय व्यापार में 500 अरब अमरीकी डालर का लक्ष्य निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने से लेकर, बाइडेन के भारतीय नेतृत्व के साथ मजबूत संबंध हैं और उनके करीबियों में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी हैं।''बाइडेन ने गत जुलाई में एक फंडरेजर में कहा था कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अमेरिका की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, उन्होंने कहा था, ''यह साझेदारी, एक रणनीतिक साझेदारी है, हमारी सुरक्षा में आवश्यक और महत्वपूर्ण है।''