पेगासस मामला: एडिटर्स गिल्ड ने भी की जांच की मांग, पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
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मुंबई : इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के ज़रिये सरकार के कथित तौर पर राजनेताओं, कारोबारियों, मंत्रियों, अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी के मामले की जांच के लिए पत्रकारों की एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि जासूसी मामले के लिए एक विशेष जांच दल गठित किया जाए।
याचिका में स्पष्ट तौर से कहा गया है कि पत्रकारों को ये ज़िम्मेदारी दी जाती है कि वो जनता को जानकारी देने के अधिकार को लागू करवाए।
साथ ही ये भी कहा गया है कि गिल्ड के सदस्यों और सभी पत्रकारों का ये दायित्व है कि वो सरकार के सभी विभागों से जानकारियां मांगकर उन्हें उनके काम या नाकामी के लिए उत्तरदायी बनाए।
प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा
याचिका में इस बात का जिक्र भी है कि इस भूमिका के लिए प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा अवश्य होनी चाहिए।
एडिटर्स गिल्ड ने भारत सरकार के कथित तौर पर पेगासस के ज़रिये भारतीय नागरिकों, अधिकारियों, मंत्रियों और ख़ासतौर पर पत्रकारों की जासूसी करवाने के आरोप की जांच के लिए अदालत की ओर से नियुक्त दल और उसकी निगरानी में जांच के लिए एक विशेष जांच दल के गठित करने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले भी मामले से जुड़ी अब तक पांच याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अगुवाई में एक पीठ को 5 अगस्त को तीन अलग याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
इन याचिकाओं में वरिष्ठ पत्रकारों एन राम और शशि कुमार की याचिका भी शामिल है जिसमें मामले की एक मौजूदा या रिटायर्ड जज से जांच कराए जाने की मांग का अनुरोध किया गया है।
पेगासस मुद्दे पर संसद के भीतर और बाहर विपक्षी दल भी सरकार पर जांच के लिए लगातार दबाव बनाए हुए हैं।
विपक्ष पेगासस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चाहता है।
लेकिन सरकार ने इस मामले को मनगढ़ंत बताकर ख़ारिज किया हुआ है।