Home > News Window > राकांपा सुप्रीमो का यूपीए अध्यक्ष बनने से इंकार,तो फिर बेगानी शादी में अब्दुल्ला कौन?

राकांपा सुप्रीमो का यूपीए अध्यक्ष बनने से इंकार,तो फिर बेगानी शादी में अब्दुल्ला कौन?

राकांपा सुप्रीमो का यूपीए अध्यक्ष बनने से इंकार,तो फिर बेगानी शादी में अब्दुल्ला कौन?
X

मुंबई। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए के अध्यक्ष पद के लिए शिवेसना ने शरद पवार का समर्थन किया है. अगले साल जनवरी में सोनिया गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटने वाली हैं। कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसकी चर्चा जोरों पर है. शिवसेना के बयान के बाद जिस तरह की राजनीतिक हलचल तेज हुई है उसे देखते हुए अब खुद शरद पवार से इससे किनारा कर लिया है. शरद पवार ने तो यहां तक कह दिया कि यूपीए अध्यक्ष पद में मेरी बिल्कुल दिलचस्पी नहीं है, मेरे नाम से अनावश्यक तौर पर विवाद न छेड़ा जाए.एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शिवसेना के बयान से किनारा करते हुए कहा, उनका नाम लेकर विवाद नहीं छेड़ा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा शिवसेना ने जो कुछ भी कहा है वह उनका मत है, मेरा नहीं. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने पद पर बने रहने की अनिच्छा जाहिर की है. सोनिया का मानना है कि इस पद के लिए उपयुक्त नेता जल्द ही मिल जाएगा. अब माना जा रहा है कि शरद पवार यूपीए अध्यक्ष पद के सबसे मजबूत प्रत्याशी हैं. इसी मुद्दे पर शिवेसना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में भी पवार के यूपीए अध्यक्ष बनाए जाने की वकालत की गई है. यूपीए की तुलना एनजीओ से करते हुए सामना के संपादकीय में कहा गया है 'कांग्रेस के नेतृत्व में एक 'यूपीए' नामक राजनीतिक संगठन है. उस 'यूपीए' की हालत एकाध 'एनजीओ' की तरह होती दिख रही है. 'यूपीए' के सहयोगी दलों द्वारा भी देशांतर्गत किसानों के असंतोष को गंभीरता से लिया हुआ नहीं दिखता।

Updated : 27 Dec 2020 10:58 AM GMT
Tags:    
Next Story
Share it
Top