- संजय राउत का पहला रिएक्शन, वास्तव में ठीक इस तरह हुआ!
- उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दिया, भाजपा ने अभी तक सरकार बनाने की रणनीति की घोषणा नहीं की है!! लेकिन महाराष्ट्र भाजपा ने ट्वीट किया मी पुन्हा येईन ....
- पहला वीडियो, उद्धव ठाकरे राज भवन पहुंचे आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे उनके साथ मौजूद....उद्धव ठाकरे खुद गाड़ी चलाते हुए मातोश्री से राज भवन पहुचे।
- मुंबई के नए पुलिस आयुक्त विवेक फणसळकर करेंगे पद ग्रहण, सरकार गिर गई है सामने है खड़ी कई चुनौतियां!!
- गिर गई महाराष्ट्र सरकार, उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री और विधान परिषद सदस्य के पद से इस्तीफा दिया
- ब्रेकिंग: सुप्रीम कोर्ट ने कल महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की अनुमति दी
- औरंगाबाद से संभाजीनगर करने पर उठने लगा महाराष्ट्र विद्रोह, समाजवादी पार्टी विधायक और AIMIM ने खोला मोर्चा!!
- AIMIM के 4 विधायकों ने छोड़ी पार्टी राजद में हुए शामिल, बिहार में राजद बनी सबसे बड़ी पार्टी
- उद्धव का हिंदुत्व कार्ड! औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया गया, उस्मानाबाद का भी नाम बदल दिया गया
- गुवाहाटी के होटल से निकले एकनाथ शिंदे गोवा फिर मुंबई आने की संभावना एकनाथ शिंदे का लाइव वीडियो मैक्स महाराष्ट्र पर

पश्चिम बंगाल चुनाव में ओवैसी के उतरने से भाजपा को इस तरह होगा नफा
X
मई 2021 में पश्चिम बंगाल की विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है इससे पहले यहां चुनाव कराए जाएंगे। 294 सीटों के लिए होने वाला ये विधानसभा चुनाव इस बार खासा मायने रखता है। पहली वजह इस विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम पार्टी का शामिल होना है तो दूसरी वजह भाजपा का पूरी ताकत से इस चुनाव में उतरना है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में BJP ने पहली बार मैदान में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। भाजपा ओवैसी को तीसरे स्थान पर करने में कामयाब रही।
भाजपा की धमाकेदार एंट्री के संकेतों की बात करें ये काफी बड़े हैं। एआईएमआईएम ने पिछली बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पहली बार आंध्र प्रदेश या तेलंगाना के बाहर विधानसभा की सीटें जीती थीं। उनकी ये दो उपलब्धि ऐसी रही हैं जिनसे ओवैसी काफी उत्साहित दिखाई दिए हैं। इसी वजह से उन्होंने अब पश्चिम बंगाल के चुनाव पर निगाहें लगा रखी हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में जीत और हैदराबाद नगर निगम चुनाव में मिली हार के बीच आने वाला चुनाव उनके लिए कैसा रहने वाला है इस सवाल का जवाब जानना काफी अहम है। आगे बढ़ने से पहले आपको ये भी बताना जरूरी है कि ओवैसी ने पश्चिम बंगाल के चुनाव में मौजूदा सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के साथ लड़ने का दांव खेला है।
अभी ये गठबंधन वजूद में नहीं आया है लेकिन इसको लेकर कहीं न कहीं अंदर जुगलबंदी जरूरी जारी दिखाई दे रही है। ऐसे में एक बड़ा सवाल ये भी है कि ये दोनों या या सत्ताधारी पार्टी भाजपा को कितना नुकसान पहुंचाने में कामयाब हो सकेगी। देश की राजनीति पर निगाह रखने वाले ओवैसी का चुनाव में होना ही भाजपा को फायदा पहुंचने के संकेत दे रहा हैं। ओवैसी और तृणमूल में कोई गठबंधन हो या न हो ये तय है कि इन दोनों ही हालात में ओवैसी ममता बनर्जी की पार्टी के वोट काटने में सहायक साबित होंगे और इसका परोक्ष रूप से फायदा भाजपा को ही होगा।