कभी तेलंगाना तक सीमित थे ओवैसी,अब पूरे भारत में जमा रहे धाक
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मुंबई। असुदुद्दीन ओवैसी की धमक तेलंगाना-महाराष्ट्र के कुछ इलाकों से आगे बढ़कर अन्य राज्यों में भी अब सुनाई देने लगी है. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ओवैसी पर निशाना साध रही हैं तो दूसरी तरफ तमिलनाडु में डीएमके के सहयोगी भी चिंतित दिख रहे हैं. तमिलनाडु में डीएमके की दो सहयोगी पार्टियां अल्पसंख्यक केंद्रित राजनीतिक करती हैं और एमआईएम के चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट के बाद चिंतित हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि मुस्लिम पार्टी के तौर पर पहचान रखने वाली कोई राजनीतिक पार्टी कई राज्यों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है. बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित ओवैसी ने घोषणा की थी कि वो अब अन्य राज्यों में भी अपनी पैठ बढ़ाएंगे.
अब उत्तर प्रदेश की तरफ भी रुख कर चुके हैं.कभी हैदराबाद केंद्र रही एमआईएम अब बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना में अपने पैर जमा चुकी है. अब तमिलनाडु की राजनीति में ओवैसी गर्मी बढ़ा रहे हैं.डीएमके ने ओवैसी को कार्यक्रम में निमंत्रण दिया था लेकिन जल्द ही अपने सहयोगियों के विरोध को देखते हुए निमंत्रण वापस ले लिया. तमिलनाडु में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और मनिधानेया मक्काल काची डीएमके की सहयोगी पार्टियां हैं.उधर पश्चिम बंगाल में ओवैसी अपनी पहली यात्रा कर चुके हैं. वहां के प्रभावशाली धर्मगुरु के साथ मिलकर वो अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी में हैं. ऐसे में टीएमसी की तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं कि एमआईएम बीजेपी की बी टीम बनकर राज्य में चुनाव लड़ने आ रही है. लेकिन इन सबके बीच बेफिक्र ओवैसी हर राज्य में अपने कदम बढ़ा रहे हैं. वो साफ कर चुके हैं भारतीय लोकतंत्र में चुनाव लड़ना संवैधानिक अधिकार है और वे चुनाव लड़ेंगे।