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मुंबई पुलिस अपने कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए क्यूआर कोड का लेगी सहारा

मुंबई पुलिस अपने कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए क्यूआर कोड का लेगी सहारा
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मुंबई। मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के मार्गदर्शन में जॉइंट पुलिस कमिश्नर (कानून -व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटील अब अपने कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए"क्यूआर" कोड की मदद ले रहे है। क्यूआर कोड के माध्यम से यह स्पष्ट होगा कि संबंधित गश्त करने वाला पुलिसकर्मी उस विशेष स्थान पर गया था या नहीं। मुंबई शहर के सभी संवेदनशील और महत्वपूर्ण स्थानों पर "क्यूआर कोड" सिस्टम लगाए गए हैं,इलाके में गश्त करने वाले पुलिसकर्मियों को "क्यूआर कोड" को स्कैन कर हर दो घंटे में अपनी और संबंधित स्थान की जानकारी मुंबई पुलिस के विशेष मोबाइल एप्प के जरिए देनी होगी। हर स्कैन के बाद कम से कम 5 मिनट तक पुलिसकर्मी को वहां रुकना पड़ेगा।

क्योंकि इसके बाद ही वो दूसरी जगह पर स्कैन कर सकता है। इससे पुलिसकर्मियों पर नजर रखना आसान हो जाएगा और पुलिस अन्य काम में अपना समय बर्बाद नहीं करेगी। हर पुलिस स्टेशन की हद में कुछ संवेदनशील और महत्वपूर्ण जगह होती है,पुलिस पेट्रोलिंग नहीं होने की वजह से वो जगह आपराधिक तत्व के लोगो की पनाहगाह बन जाती है,उस इलाके के लोगों द्वारा हमेशा से ही पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने की मांग की जाती है जिससे अपराधी वो स्थान छोड़ कर चले जाए। लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश के बावजूद पुलिसकर्मी उन संवेदनशील जगहों पर पेट्रोलिंग नहीं करते थे और इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं मिल पाती थी।

गौरतलब है कि मुंबई शहर के हर पुलिस स्टेशन की हद के लगभग 80 से 100 संवेदनशील और महत्वपूर्ण इलाकों को चुन कर वहां "क्यूआर कोड" सिस्टम लगाया गया है। इसी तरह मुंबई के परिमंडल 6 और 7 के अंतर्गत आने वाले 18 पुलिस स्टेशनों में लगभग 1663 संवेदनशील और महत्वपूर्ण इलाकों में "क्यूआर कोड" सिस्टम लगाया गया है। पुलिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पुलिस को सतर्क और सक्षम करने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है लेकिन पुलिसकर्मियों की संख्या में वृद्धि करने पर ध्यान नहीं दे रही है,क्यों की हर पुलिस स्टेशन की हद में लाखों की जनसंख्या है लेकिन पुलिसकर्मी की तादाद उनसे बहुत कम।

गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं पुलिसकर्मी





इस मामले में मैंने खुद सभी पुलिसकर्मियों से बात की है,वो खुद पर प्राउड फील कर रहे है की उन पर लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है और टेक्नोलॉजी की मदद से वो अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है। सभी गश्त करने वाले पुलिसकर्मियों को यह भी निर्देश दिया गया है की सिर्फ "क्यूआर कोड" सिस्टम स्कैन करना नहीं है बल्कि उस जगह के आस-पास किस तरह के लोग है यह भी देखना है और वहां के लोगो की समस्या क्या है वो भी सुनना है,क्यों की हमारा मकसद सिर्फ पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाना नहीं है बल्कि पुलिस घर-घर और कोने-कोने तक पहुँच कर लोगो को सुरक्षा प्रदान भी करना है।

-अपर पुलिस आयुक्त मुंबई संजय दराडे

लोगों में जगी है उम्मीद की किरण





कई बार हमने स्थानीय लोगों की शिकायत पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिलकर पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने की शिकायत की थी, लेकिन इससे ज्यादा असर नहीं होता था, लेकिन इस "क्यूआर कोड" सिस्टम की वजह से पुलिस की पेट्रोलिंग कोने-कोने में होने की वजह से आपराधिक तत्व के लोगों को अपना ठिकाना बदलना पड़ रहा है जिससे स्थानीय लोगों ने भी कुछ राहत महसूस की है, अब देखना है की भविष्य में इससे कितना क्या फायदा मिलता है।

-मीना सुबरमणियम (समाजसेविका)

Updated : 3 Jan 2021 9:59 AM GMT
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