मुंबई। मुंबई पुलिस ने सोनू सूद के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए बीएमसी को अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। जुहू पुलिस ने कहा है कि उन्होंने इस मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और जल्द ही प्राथमिकी दर्ज करेंगे। पुलिस ने बीएमसी से कहा है कि वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए अपने इंजीनियर को पुलिस स्टेशन भेजें ताकि एफआईआर दर्ज की जा सके। इससे पहले हाईकोर्ट के याचिका खारिज करने के बाद सोनू सूद ने बीएमसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने इस मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। बीएमसी को अपना बयान दर्ज कराने के लिए अपने इंजीनियर को भेजने के लिए भी कहा है। बयान दर्ज करा लेने के बाद हम सोनू सूद पर एफआईआर फाइल करेंगे।" वहीं के-वेस्ट वार्ड के सहायक नगर आयुक्त विश्वास मोते ने कहा, "हमने पुलिस को एक विस्तृत शिकायत भेजी है। इंजीनियर कोरोना संक्रमित हैं। लेकिन हम पुलिस के साथ पूरा सहयोग और समन्वय करेंगे।"
सोनू के वकील विनीत ढांडा ने कहा था कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। क्योंकि इसे चुनौती का मुख्य आधार यही है कि BMC ने उसे प्रॉपर्टी के मालिक के रूप में नोटिस जारी किया है। आदतन अपराधी जैसे शब्दों का इस्तेमाल केवल सोनू की इमेज खराब करने के लिए किया जा रहा है। जबकि बिल्डिंग के अंदर किसी भी तरह के अल्टरेशन के लिए परमीशन की जरूरत नहीं है।
जस्टिस पृथ्वीराज चह्वाण की सिंगल बेंच ने सोनू की अर्जी को महाराष्ट्र रीजनल टाउन प्लानिंग एक्ट की धारा 53 के तहत गलत पाया था। जनवरी की शुरुआत में सिटी सिविल कोर्ट दिंडोशी के फैसले के खिलाफ सोनू ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। बीएमसी ने अपने नोटिस में लिखा था कि छह मंजिला इमारत शक्ति सागर में सोनू सूद ने कई बदलाव किए हैं।