यौन कर्मियों को भी राशन व आर्थिक मदद करेगी महाराष्ट्र सरकार
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मुंबई। लॉकडाउन के असर को कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कोविड -19 महामारी समाप्त होने तक हर महीने मुंबई के 5,600 यौनकर्मियों को वित्तीय सहायता और 5 किलोग्राम राशन देने का फैसला किया है. महाराष्ट्र ऐसा पहला राज्य बन गया जहां यौन कर्मियों के लिए यह सुविधा होगी. NGO ने बताया कि यौनकर्मियों के एक बड़े हिस्से के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड या बैंक खाता नहीं है.
बताया गया कि प्रत्येक यौनकर्मी को तीन किलोग्राम गेहूं और दो किलो चावल के साथ हर महीने 5,000 रुपये मिलेंगे. स्कूल जाने वाले यौनकर्मियों के बच्चों को उनकी ऑनलाइन शिक्षा का समर्थन करने के लिए प्रति माह 2,500 रुपये मिलेंगे. मुंबई में यौनकर्मियों के समुदाय पर महामारी की सबसे बुरी मार है.महामारी से जुड़े सुरक्षा के मानको के चलते उनका व्यवसाय बंद हो गया. सितंबर में, यौनकर्मियों की दरबार महिला समन्वय समिति ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसमें कहा गया था कि समुदाय को भोजन और रहने की कमी के साथ-साथ वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.29 सितंबर को, SC ने सभी राज्यों को पहचान के प्रमाण पर जोर दिए बिना यौनकर्मियों को ड्राइ राशन देने का निर्देश दिया था.अदालत ने राज्यों से कहा कि वे न केवल उन यौनकर्मियों को राशन प्रदान करें,
जिन्होंने इसके लिए अप्रोच किया था बल्कि अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं. राज्य के महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने अब तक मुंबई जिला एड्स नियंत्रण सोसाइटी (एमडीएसीएस) की मदद से मुंबई में 5,600 यौनकर्मियों और उनके 1,592 बच्चों की सूची तैयार की है.सरकार ने हर महीने 5,000 रुपये के DBT के लिए बैंक विवरण और आधार कार्ड नंबर पर जोर दिया है. एंटी ट्रैफिकिंग एनजीओ की प्रेरणा प्रीति पाटकर ने कहा- 'एक एनजीओ को एक सेक्स वर्कर की पहचान के लिए एक रेफरल पत्र लिखना है।