गुदड़ी के लाल: गोवंडी के 6 छात्र पढ़ेंगे एमबीबीएस की पढ़ाई, बनेंगे डाक्टर
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मुंबई। गोवंडी-शिवाजी नगर के गरीब परिवार से छह होनहार छात्र जिन्होंने एमबीबीएस डॉक्टर बनने का ख्वाब सजाया और कड़ा परिश्रम कर नेशनल एंट्रेस एलिजिबिलिटी टेस्ट (नीट) की परीक्षा में अच्छे अंक लाकर एमबीबीएस डॉक्टर बनने के लिए सरकरी कोटे से मेडिकल कॉलेज में दाखिला पाया, इन्होने अपने परिवार ही नहीं, समाज के साथ-साथ गोवंडी का भी गौरव किया है।
आइए जानते हैं क्या कहते हैं ये छात्र
मेरा एक ही लक्ष्य था की एक अच्छा डॉक्टर बनकर अपने पिता डॉ ज़ाहिद खान की तरह गरीब,मजबूर,बीमार लोगो की खिदमत करना और इन्ही लोगो की दुआ है की मैंने घंटो पढ़ाई कर नीट की परीक्षा में 208 अंक हासिल कर सफलता प्राप्त की है, और मुझे लखनऊ की इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में एमबीबीएस में दाखिला मिला। ज़ेबा परवीन ज़ाहिद हुसैन खान (एमबीबीएस/छात्रा)
बिना इलाज के तोड़ देते है दम
बचपन से देखता आ रहा हूँ की गोवंडी और शिवाजी नगर इलाके में एक सरकारी हॉस्पिटल नहीं होने की वजह से गरीब यहाँ अपना इलाज नहीं करा सकता है और बहुत से लोग इलाज के बगैर ही दम तोड़ देते है,मैंने हमेशा देखा की मेरे पिता आसिफ जोगले जो की कैटरिंग का काम करते है ऐसे गरीब और मजबूर मरीजों को बेहतर इलाज मिले इसके लिए बहुत मेहनत करते है,तबसे मैंने भी सोच लिया की एक अच्छा डॉ बनकर इस इलाके में लोगो का इलाज करूँगा। सैफ आसिफ जोगले (छात्र)
गोवंडी का नाम करेंगे रोशन
गोवंडी के नूर हॉस्पिटल में सेवानिवृत्त बतौर एक्स रे टेक्नीशियन सय्यद मोहम्मद नसीम के बेटे सय्यद मोहम्मद अनस ने बिना कोचिंग क्लासेस के नीट की परीक्षा में 468 अंक हासिल कर यूपी के रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश लेकर अपने पिता के सपनो को साकार किया है। इसी तरह इक़रा मोहम्मद जमील ने भी नीट की परीक्षा में कड़ी मेहनत कर 508 अंक प्राप्त किया और एमबीबीएस डॉ बनने के लिए मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया, इतना ही नहीं डॉ नसीम खान की बेटी आफरीन खान ने भी नीट की परीक्षा में 547 अंक हासिल किया जिसके बाद इन्हे औरंगजेब एमबीबीएस माइनॉरिटी कॉलेज में मिला। गोवंडी में छोटे से परिवार से आने वाली राश्दा परवीन खान ने भी नीट की परीक्षा में अच्छा अंक हासिल कर सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेकर अपने माँ बाप के सपनों को एक ऊंचाई दी है।
चूंकि इससे बेहतर कोई खिदमत नहीं
हमने अपने हर अनुवल फंक्शन या किसी भी कॉन्सलिंग सेमिनार में हमने हमेशा ही 10वीं और 12वीं के बच्चों (छात्रों) को काउंसलिंग की है की ज्यादा से ज्यादा बच्चे नीट परीक्षा की तैयारी करें और परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर एमबीबीएस के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले और एक अच्छे डॉ बनकर लोगो की खिदमत करे, क्यों की इससे बेहतर कोई खिदमत नहीं है। यह देख कर बहुत ख़ुशी हो रही है की गोवंडी के छह बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले चुके है।
डॉ ज़ाहिद खान (सचिव-यूनाइटेड मेडिकल एसोसिएशन (उमा)
जरूरतमंद होनहार छात्रों को मिलनी चाहिए स्कॉलरशिप
गोवंडी के लिए यह गर्व की बात है की 6 छात्रों को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए सरकरी कोटे से मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिला है,बहुत से ऐसे गरीब वर्ग के बच्चे है जो पढ़ लिख कर अफसर बनना और अपने परिवार का नाम रोशन करना चाहते है,लेकिन आर्थिक स्थिति उन्हें इसकी इजाजत नहीं देती है,महाविकास अघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक से मांग की है की ऐसे बच्चों को स्कॉलरशिप दिया जाए ताकि यह पढ़ लिख कर देश का नाम रोशन करे।
जमीर कुरैशी (अध्यक्ष जे पावर ग्रुप संस्था)