किसानों के ऐलान से दिल्ली में फंस गई किल्ली,दूध-सब्जी के पड़ेंगे लाले
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नई दिल्ली। नए कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की ओर से दिल्ली के पांच प्रमुख एंट्री प्वाइंट को बंद करने का ऐलान राजधानी वासियों के लिए नई मुसिबत खड़ी कर सकता है। दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने रविवार को बुराड़ी पार्क जाने से इनकार कर दिया और कहा कि वह ओपन जेल है। किसान नेताओं ने कहा कि वो दिल्ली बॉर्डर पर तो आंदोलन करेंगे ही साथ में दिल्ली में एंट्री के पांच प्रमुख प्वाइंट को बंद करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वो वो पांच प्रमुख प्वाइंट कौन से होंगे लेकिन यह तो साफ है कि अगर किसान अपने आंदोलन की इस नई रणनीति पर चलते हैं तो इसका असर दिल्ली में रहने वालों लोगों पर पड़ने वाला है।
ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली में खाने-पीने की अधिकतर चीजे (दुध, फल, सब्जी आदि) बाहर से आती हैं। ऐसे में अगले एक दो दिनो में दिल्ली वासियों के लिए समस्या पैदा हो सकती है। किसानों ने रविवार को कहा कि वे सरकार से बातचीत को तैयार हैं लेकिन सिंघु और टीकरी बार्डर से हटकर प्रशासन द्वारा प्रदर्शन स्थल के रूप में चिह्नित बुराड़ी के मैदान में जाने सहित किसी भी शर्त को स्वीकार नहीं करेंगे। केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने आ रहे हजारों किसान एक और सर्द रात सड़क पर बिताने के साथ राष्ट्रीय राजधानी के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर रविवार को लगातार चौथे दिन जमे हुए हैं। वहीं, किसान नेता सरकार द्वारा प्रस्तावित रणनीति पर मंथन कर रहे हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान अगर दिल्ली के एंट्री प्वाइंट को बंद करते हैं तो दिल्ली सबसे पहले खाने-पीने की चीजों की किल्लत हो सकती है।
खासकर मंडियों में हरी सब्जियां हरियाणा से ही आती हैं। ऐसे में अगर प्रमुख मार्ग बंद हुआ ता सब्जियों की किल्लत झेलनी पड़ सकती है। दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान की नई रणनीति से पहले से और ज्यादा जाम का खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि किसान अगर एंट्री प्वाइंट ही बंद कर देंगे तो लोगों की आवाजाही बिल्कुल ठप हो जाएगी। सबसे ज्यादा दिक्कत तो दिल्ली-जयपुर और हरियाणा जाने वाले हाईवे पर देखने को मिल सकता है। प्रदर्शन कर रहे किसानों के नए ऐलान से उन लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है जो जॉब के लिए दिल्ली से गुड़गांव या फिर नोएडा के लिए सफर करते हैं। ऐसे में इन लोगों के लिए नई मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।