शिवसेना-एनसीपी में खटपट है क्या? सचिन वाझे कर रहा था वसूली और गृहमंत्री को खबर नहीं? 'सामना'
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मुंबई। भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर शिवसेना ने ही निशाना साधा है. पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए सवाल उठाए हैं. पार्टी ने गृहमंत्री को कम से कम बोलने की सलाह दी है. पूर्व पुलिस कमिश्नर ने देशमुख पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं.सामना में लिखा गया है 'विगत कुछ महीनों में जो कुछ हुआ उसके कारण महाराष्ट्र के चरित्र पर सवाल खड़े किए गए, पर सरकार के पास 'डैमेज कंट्रोल' की कोई योजना नहीं है, ये एक बार फिर नजर आया. जो राष्ट्र अपना चरित्र संभालने के प्रति सतर्क नहीं रहता है वो राष्ट्र करीब-करीब खत्म होने जैसा ही है,
ऐसा स्पष्ट समझ लेना चाहिए.लेख में सचिन वाजे मामले का भी जिक्र किया गया है. उन्होंने लिखा मुंबई पुलिस आयुक्तालय में बैठकर वाजे वसूली कर रहा था और गृहमंत्री को इस बारे में जानकारी नहीं होगी? अनिल देशमुख को गृहमंत्री का पद दुर्घटनावश मिल गया. जयंत पाटील, दिलीप वलसे-पाटील ने गृहमंत्री का पद स्वीकार करने से मना कर दिया था. तब यह पद शरद पवार ने देशमुख को सौंपा.सामना के अनुसार, अनिल देशमुख ने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से बेवजह पंगा लिया. गृहमंत्री को कम-से-कम बोलना चाहिए. बेवजह कैमरे के सामने जाना और जांच का आदेश जारी करना अच्छा नहीं है.
संदिग्ध व्यक्ति के घेरे में रहकर राज्य के गृहमंत्री पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति काम नहीं कर सकता है. पुलिस विभाग पहले ही बदनाम है. उस पर ऐसी बातों से संदेह बढ़ता है.लेख के मुताबिक, 'पुलिस विभाग का नेतृत्व सिर्फ 'सैल्यूट' लेने के लिए नहीं होता है. वह प्रखर नेतृत्व देने के लिए होता है. प्रखरता ईमानदारी से तैयार होती है, ये भूलने से कैसे चलेगा? परमबीर सिंह ने जब आरोप लगाया तब गृह विभाग और सरकार की धज्जियां उड़ी. परंतु महाराष्ट्र सरकार के बचाव में एक भी महत्वपूर्ण मंत्री तुरंत सामने नहीं आया. लोगों को परमबीर का आरोप प्रारंभ में सही लगा इसकी वजह सरकार के पास 'डैमेज कंट्रोल' के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी।