'सुशासन बाबू' का संन्यास, बोले-अंत भला तो सब भला
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'सुशासन बाबू' के नाम से जाने जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के आखिरी चरण के लिए प्रचार के आखिरी दिन अपने संन्यास के बारे में संकेत देते हुए कहा कि यह उनका अंतिम चुनाव है। नीतीश के इस ऐलान से देश की राजनीति में नई हलचल मच गई और बिहार के रण में जेडीयू की एक नई रणनीति भी सामने आई। सात नवम्बर को 78 सीटों के लिए होने वाले मतदान से ठीक पहले बिहार के लोगों के सामने नीतीश की इस भावुक अपील का क्या असर पड़ा यह तो 10 नवम्बर को ही पता चलेगा लेकिन फिलहाल बिहार में सबसे बड़ा सवाल यह है कि 43 साल से राजनीतिक सफलता की इबारत लिख रहे।
अब तक छह बार मुख्यमंत्री रह चुके और 15 साल से बिहार पर एकछत्र राज कर रहे नीतीश क्या वाकई संन्यास ले लेंगे? क्या इस भावुक अपील के बाद उन्हें एक और मौका मिलेगा। गुरुवार को पूर्णिया की रैली में सीएम नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि मौजूदा चुनाव उनका आखिरी चुनाव है। नीतीश कुमार ने धमदाहा विधानसभा में आखिरी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह मेरा आखिरी चुनाव है। अंत भला तो सब भला। इसके बाद नीतीश ने लोगों से एनडीए उम्मीदवार को वोट देने की अपील की। नीतीश की इस भावुक अपील के बाद बिहार में पूछा जाने लगा कि क्या नीतीश को एक आखिरी मौका मिलेगा। नीतीश की इस अपील को उनके ब्रह्मास्त्र के तौर पर देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'अंतिम चुनाव' वाले ऐलान ने गुरुवार को उनके विरोधियों के साथ-साथ उनकी पार्टी और भाजपा को भी चौंका दिया। इसके पहले नीतीश कुमार से जब कभी उनके रिटायरमेंट के बारे में पूछा जाता तो वह सवाल टाल देते थे। पिछले दिनों कुछ चैनलों को दिए इंटरव्यू में भी उन्होंने इस सवाल को टालते हुए कहा था कि 'इस बारे में मत पूछिए, जब तक जनता काम करने का मौका देगी, काम करेंगे।' इसीलिए गुरुवार को उन्होंने आखिरी चुनाव वाला ऐलान किया तो हर कोई चौंक गया। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की उम्र इस वक्त 69 साल है। उनका राजनीतिक कॅरियर 1977 में शुरू हुआ था। 43 साल की सियासत में नीतीश ने तमाम उतार चढ़ाव देखे हैं।