किसानों ने थाली बजाकर मन की बात का किया विरोध,ठंड से दो किसानों की मौत
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नई दिल्ली। किसानों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का विरोध थाली बजाकर किया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि जैसे PM ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा, उसी तरह किसान भी थाली बजा रहें हैं ताकि कृषि कानूनों को भगाया जाए। यह सरकार के लिए संकेत है कि सरकार जल्द सुधर जाए। 29 दिसंबर को हम सरकार के साथ मुलाकात करेंगे। नया साल सबके लिए शुभ हो और अगर मोदी जी भी कानून वापस ले लें, तो हम किसान भाइयों के लिए भी नया साल शुभ हो जाएगा। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में टोल स्थायी तौर पर खुले रहेंगे।
30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। हम दिल्ली समेत पूरे देश के लोगों से अपील करते हैं कि यहां आकर हमारे साथ नया साल मनाएं। टिकरी बॉर्डर पर पंजाब के एक और किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड से पहले किसान ने प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र भी छोड़ा है। पत्र का कुछ हिस्सा टाइप किया जबकि कुछ हिस्सा पेन से लिखा गया है। फिलहाल पुलिस पहले से टाइप करके लाए गए इस पत्र की जांच कर रही है। अब तक इस आंदोलन में 30 से ज्यादा किसानों की मौत आत्महत्या और ठंड की वजह से हो चुकी है। सुसाइड करने वाले किसान की पहचान फाजिल्का के अमरजीत सिंह के रूप में हुई है। वह किसान होने के साथ-साथ वकील भी थे। PM को लिखे खत में उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री कुछ लोगों के ही बनकर रह गए। तीनों कृषि बिल किसान, मजदूर और आम आदमी का जीवन तबाह कर देंगे।
किसानों, मजदूर और आम आदमी की रोजी-रोटी मत छीनो। आंदोलन से लौटे होशियारपुर के किसान की हार्टअटैक और तलवंडी साबो के किसान की ठंड से मौत हो गई। एक महीने से कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली किसान आंदोलन में गए होशियारपुर जिले के गांव रड़ा के एक किसान की घर वापसी के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक किसान की पहचान भूपिंदर सिंह पुत्र मोहन सिंह (48) निवासी रड़ा के रूप में हुई है। उधर, तलवंडी साबो के गांव भागीवांदर के गुरप्यार सिंह (61) की ठंड लगने से शुक्रवार देर रात घर में मौत हो गई। वह 20 दिनों से टिकरी बार्डर पर सेवा निभा रहे थे। मोर्चे में रहते ही ठंड लग गई।