कृषि कानून के विरोध मे किसान आज मना रहे 'काला दिवस', कर रहे है प्रदर्शन
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मुंबई : कृषि कानून के विरोध में किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। साथ ही आंदोलनकारी किसानों को अपने हक की लड़ाई लड़ते हुए करीब 6 महीने पूरे हो चुके है। लेकिन आज भी किसानों का विरोध जिस कानून की वजह से शुरु हुआ था, वो वैसे का वैसे ही है। इस प्रदर्शन में अकेले टिकरी बॉर्डर पर करीब 50 किसानों की जान जा चुकी है। इंडस्ट्री को करीब 3500 करोड़ रुपयों का नुकसान हो चुका है।
तीन कृषि सुधार कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को आज छह माह पूरे हो रहे हैं। इन छह महीनों में 447 किसानों की मौत हो चुकी है। आज इस दिन को आंदोलनकारी काला दिवस के तौर पर मना रहे हैं। इसके लिए आंदोलन के बीच ही काले झंडे तैयार किए गए हैं। पुतले भी जलाए जा रहे हैं। इसी विरोध के चलते आज पूरा किसान एक बार फिर आज के दिन को काला दिवस के रुप में मना रहा है।
#FarmersProtests: कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के आज देशव्यापी प्रदर्शन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। @RakeshTikaitBKU @BKU_KisanUnion #FarmLaws #farmer pic.twitter.com/TJmX2E3GMI
— हिन्दी ख़बर | Hindi Khabar (@HindiKhabar) May 26, 2021
बताते चले कि कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल शुरू हुए आंदोलन को आज यानि 26 मई को छह महीने पूरे हो गए हैं। इस मौके पर किसान संगठनों ने 'काला दिवस' मनाने की घोषणा की है। साथ ही किसान संगठनों ने अपील की है कि कृषि कानूनों के विरोध में लोग आज अपने घरों, वाहनों, दुकानों पर काला झंडा लगाएं।
सरकार हमारी बात नहीं सुन रही: राकेश टिकैत,BKU
गाज़ीपुर बॉर्डर से राकेश टिकैत,BKU ने कहा है कि आज हम काला दिवस मना रहे हैं, 6 महीने यहां पर हो गए हैं लेकिन सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है इसलिए हम काले झंडे हाथ में लिए हुए हैं। ये सब शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। बाहर से कोई किसान यहां नहीं आएंगे।