बड़े भाई ने छोटे भाई को अपनी किडनी दें बचाई जान
X
पताही :- आज के इस कलयुगी समय में सम्पति के लिए जहां एक भाई दूसरे भाई के खून के प्यासे है वही एक भाई ने अपने छोटे भाई को अपनी खुद की किडनी देकर जान बचा एक मिशाल क़ायम की है। जिसकी चर्चा जितने लोग जान रहे उतने तरह की चर्चा कर रहे है। इस ऐतिहासिक कदम से उस परिवार के संस्कार और परिवारिक सौहार्द की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। मामला पताही प्रखंड के पदुमकेर गांव की है जहां के मैथिल ब्राह्मण परिवार से आने वाले इंजिनियर तृष्णानन्द झा के तीन पुत्र व एक पुत्री है।
जिसमे सभी शादी शुदा और बाल बच्चेदार है तथा सभी अपने अपने पैरो पर खडे है। सभी अपने परिवार के साथ बाहर रहते है। सबसे बड़े भाई अमरेंद्र कुमार झा उनसे छोटे भूपेंद्र कुमार और सबसे छोटे भवेन्द्र कुमार है जो पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से दुबई में थे और शिक्षण पेशे से जुड़ प्रतियोगिता स्तर के लिए भौतिकी पढ़ा रहे थे। तथा एक प्रतिष्ठित संस्थान के विभागाध्यक्ष थे। उनकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी अमेरिका में पीएचडी कर रही और छोटी बेटी भी अमेरिका में ग्रेजुएशन कर रही है।
ऐसे में विगत तीन चार सालो से उनकी तबियत काफ़ी खराब चल रही थी तथा किडनी की शिकायत थी। विगत कुछ माह से डाइलेशिस के सहारे चल रहे थे। ऐसे में सबसे बड़े भाई अमरेंद्र कुमार झा जो की दिल्ली के एक निजी कम्पनी में मार्केटिंग हेड है ने अपने छोटे भाई को अपने सामने कष्ट में नहीं देख पाए और अपनी पत्नि नेहा झा और एकलौते पुत्र आदर्श से विचार विमर्श कर और माता पिता से आशीर्वाद लेकर अपनी खुद की किडनी ही अपने छोटे भाई भवेन्द्र कुमार को पिछले माह हैदराबाद स्थित केयर हॉस्पिटल में अपनी किडनी देकर जान बचाई।
अब दोनों भाई स्वस्थ है और अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अपने दिल्ली आवास पर वापस आकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे है। तथा फिर से एक बार सपरिवार हसते खेलते नज़र आ रहे है। एक भाई के इस प्रकार के ऐतिहासिक कदम की मिशाल को क्षेत्र के लोग तरह तरह से चर्चा कर रहे है। लोग यह नहीं कहते थक रहे की इस परिवार में सरस्वती, लक्ष्मी के साथ एक संस्कार भी है जो की यह मिशाल क़ायम कर कलयुग में सतयुग का मिशाल दिया। पत्रकार व समाजसेवी नवेन्दु कुमार, नंदू झा, मनोज झा, सहित समाज के गणमान्य लोगो ने दोनों भाइयों के स्वस्थ और दीर्घ जीवन की ईश्वर से प्रार्थना की।