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नवरात्रि में भूल से भी न करें ये काम

नवरात्रि में भूल से भी न करें ये काम
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिनों तक मां के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करने और व्रत रखने से घर में सुख शांति बनी रहती है। मां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। नवरात्रि में पूजा उपासना के साथ ही नियम-संयम का भी बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि का व्रत रखनेवालों के लिए कुछ नियम होते हैं जिनका पालन अवश्य किया जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार अगर इन नियमों का पालन करने वाले भक्तों पर मातारानी की कृपा रहती है।

>भारतीय परंपरा में कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना गया है। यही कारण है कि नवरात्रि में कन्या पूजन या कंजका पूजन कर लोग पुण्य की प्राप्ति करते हैं। नवरात्रि के दिनों में सभी महिलाओं किसी न किसी देवी का स्वरूप होता है। इसलिए किसी भी कन्या या महिला के प्रति असम्मान का भाव मन में भी नहीं आना चाहिए। कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर उन्हें मन ही मन प्रणाम करना चाहिए। हमारे शास्त्रों में यहां तक कहा गया है कि यत्र नार्यास्तु पूजयंते रमंते तत्र देवता।

>माना जाता है कि व्रत करने वाले को नवरात्रि नौ दिनों तक अपना समय भौतिकता वाली बातों में न लगाकर धार्मिक ग्रंथों का अध्यन करना चाहिए। इन दिनों दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तसती का पाठ कर सकते हैं।

>यदि आपने घर में कलश (घट) स्थापना की है या माता की चौकी या अखंड ज्योति लगा रखी है तो उसके पास किसी एक व्यक्ति का रहना जरूरी होता है। इस दौरान नौ दिनों तक घर में किसी एक व्यक्ति का रहना जरूरी होता है। साथ व्रत के दौरान दिन में सोना भी मना है।

>नवरात्रि के पावन दिनों में सात्विकता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आहार, व्यवहार और विचार में आपके सात्विकता होना जरूरी है। आप इन दिनों तामसिक प्रवृत्ति का भोजन जैसे नॉनवेज, प्याज-लहसुन और मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। कम से कम नवरात्रि के नौ दिनों तक पूरी तरह से सात्विक आहार लेना चाहिए।

>नवरात्रि के दिनों में काम भावना पर नियंत्रण रखने को भी जरूरी बताया गया। नवरात्रि के दौरान महिलाओं और पुरुषों दोनों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। संभव हो तो अलग-अलग बिस्तर पर सोना चाहिए।

>नवरात्रि के दिनों में बहुत से लोग क्रोध पर काबू नहीं रख पाते और कलह का वातावरण पैदा करते हैं। ऐसे लोगों को कम से कम नौ दिनों तक व्रत के दौरान गुस्सा करने से बचना चाहिए। हो सकते ज्यादा से ज्यादा मौन व्रत रखें या कम से कम बात करें।

Updated : 18 Oct 2020 3:30 AM GMT
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