दिलीप कुमार हॉलीवुड नहीं, बालीवुड के दीवाने थे,जानिए क्यों छोड़ी थी यह फिल्म
Dilip Kumar 99th Birthday:
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दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार आज 99 साल के हो गए हैं. ये दिन दिलीप कुमार के साथ साथ उनके सभी फैंस और फिल्म इंडस्ट्री के लिए बेहद खास है. दिलीप कुमार ने अपने करियर में कई बेहतरीन और सुपरहिट फिल्में दी हैं. 60 और 70 के दशक में लोगों के बीच उनके लिए दीवानगी देखने लायक होती थी. दिलीप कुमार के फैंस ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशो में भी होते थे, उनके काम की चर्चा हॉलीवुड तक होती थी. एक बार उन्हें हॉलीवुड की एक बड़ी फिल्म में काम करने का मौका भी मिला था,
दिलीप ने इस ऑफर को ठुकरा दिया. उस दौर में हॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर डेविड लीन ने दिलीप साहब को अपनी अगली फिल्म 'लॉरेन्स ऑफ अरेबिया' में प्रिंस शेरीफ अली के किरदार के लिए दिलीप कुमार से बात की थी. डेविड इंडियन फिल्मों को काफी पसंद करते थे और अपनी फिल्म में इस किरदार के लिए किसी इंडियन एक्टर को कास्ट करना चाहते थे. दिलीप कुमार भी डेविन के काम से वाकिफ थे, उनकी पिछली फिल्म 'द ब्रिज ऑन द रिवर क्वाई' को 7 ऑस्कर अवार्ड मिल चुके थे, लेकिन जब डेविन ने दिलीप साहब से फिल्म के प्रस्ताव के बारे में बताया तो दिलीप कुमार ने उनकी फिल्म में काम करने से तुरंत इंकार कर दिया.
कहा जाता है कि दिलीप कुमार कभी भी हॉलीवुड फिल्मों के फैन नहीं थे और ना ही उन्हें हॉलीवुड फिल्मों में काम करने का शौक था. इस फिल्म से इंकार करने का एक और कारण ये था कि दिलीप कुमार को लगता था कि वो इस फिल्म में फिट नहीं हो पाएंगे और बाहरी दिखेंगे. दिलीप कुमार के इंकार के बाद ये किरदार ओमार शरीफ को मिला, फिल्म रिलीज हुई और इस फिल्म के जरिए ओमार ने हॉलीवुड में नाम कमाया. इतना ही नहीं इस फिल्म को साल 1962 में 10 ऑस्कर अवॉर्ड्स में नॉमिनेशन मिला, जिसमें से इस फिल्म ने 7 ऑस्कर अवॉर्ड जीते थे और डेविड लीन को इसके लिए बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड मिला।
भाइयों की याद में सालगिरह का जश्न नहीं मनाएंगे दिलीप कुमार,
जुम्मे के दिन अभिनेता दिलीप कुमार 98 वर्ष के हो जाएंगे। लेकिन इस बार हर साल की तरह अपने जन्मदिन का जश्न नहीं मनाएंगे। दिलीप कुमार के दो सगे भाइयों का इंतकाल इसी कोरोना संक्रमण काल के दौरान हो चुका है। उनके गम में ट्रेजेडी किंग ने अपनी सालगिरह का जश्न रद्द किया और अपने प्रशंसकों से अपील की है कि इस दिन वह उनके घर न तो किसी प्रकार का तोहफा भेजें और न ही आएं।