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किसानों पर रामदास आठवले बोले, तो लोकतंत्र और संविधान खतरे में पड़ जाएगा

किसानों पर रामदास आठवले बोले, तो लोकतंत्र और संविधान खतरे में पड़ जाएगा
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पणजी। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्र विरोध प्रदर्शनों के कारण संसद में पारित कानूनों को वापस लेना शुरू कर देता है, तो संसदीय लोकतंत्र और संविधान खतरे में पड़ जाएगा। बता दें कि आठवले पणजी में तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के विरोध पर पूछे सवाल का जवाब दे रहे थे। एक सवाल के जवाब में अठावले ने कहा, 'यह मांग 'नाजायज' है।

संसद में बहुमत से कानून पारित किया गया है। यदि सिर्फ विरोध प्रदर्शन के डर से इस तरह के कानून वापस ले लिए जाते हैं, तो यह सदन के पटल पर पास होने वाले हर कानून के लिए एक खतरा बन जाएगा। यह संविधान और संसदीय लोकतंत्र को खतरे में डालने वाला होगा। किसानों को केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए समझौता फार्मूले को स्वीकार करना चाहिए। 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मध्य प्रदेश में किसानों को संबोधित करते हुए कहा था कि नए कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि उपज बाजार समितियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।'

पणजी में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी 200 से ज्यादा सीटें जीत कर सरकार बनाएगी। केंद्र में बीजेपी की सहयोगी आरपीआई के प्रमुख आठवले ने कहा कि वह भी पश्चिम बंगाल चुनाव में अपनी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के लिए 4 से 5 सीटों की मांग करेंगे।

Updated : 21 Dec 2020 1:47 PM GMT
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