पंकजा मुंडे की मांग जातिगत जनगणना हो,गांव से निकली आवाज दिल्ली तक जरूर पहुंचेगी
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मुंबई। भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया है. देश में ओबीसी की जनगणना बेहद जरूरी है. सरकार को 2021 की जनगणना में इसे शामिल करना चाहिए. मुंडे के मुताबिक इस बात में कोई शक नहीं कि गांव-गाव से निकली आवाज़ दिल्ली तक जरूर पहुंचेगी. बता दें कि साल 2011 में पकंजा मुंडे के पिता गोपीनाथ मुंडे ने भी संसद में ओबीसी जाति के लोगों की सही संख्या पता लगाने का मुद्दा उठाया था. बता दें कि देश में 1931 के बाद जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है.
पंकजा मुंडे ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'हम भी इस देश के हैं हमारी भी गिनती करो... ओबीसी जनगणना की आवश्यकता और अपरिहार्यता है. 2021 की जनगणना जाति निहाय होना आवश्यक हैं. गांव-गांव से निकली आवाज़ राजधानी तक जरूर पहुँचेगी इस बात मैं कोई शक नहीं हैं। देश में तीन राज्यों ने अब तक जाति आधारित जनगणना से जुड़े प्रस्ताव को पारित किया है. पिछले साल फरवरी में इस प्रस्ताव को बिहार सरकार ने पास किया था. इसके तहत केंद्र सरकार से मांग की गई है कि 2021 में जनगणना जाति आधारित हो. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से जाति आधारित जनगणना की मांग करते रहे हैं.
ओडिशा और महाराष्ट्र की भी सरकारों ने इसको लेकर प्रस्ताव पास किया है. जनगणना के मौजूदा फॉर्मेट में सिर्फ ये तो पता चलता है कि देश में किस धर्म के कितने लोग हैं. ये भी पता चलता है कि अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या क्या है. लेकिन ये पता नहीं चलता कि सामान्य, पिछड़ा और अति पिछड़ी जाति के लोगों की संख्या कितनी है. जाति आधारित जनगणना को आरक्षण से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।