#FabIndia के विज्ञापन से धार्मिक भावनाओं को आहत करने पर छिड़ा विवाद
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मुंबई : त्यौहारों का समय है और ऐसे कंपनिया विज्ञापन के माध्यम से खरीदार को आकर्षित करने के लिए तरह - तरह के कैंपेन चला रहे है, इसी कड़ी में क्लोथिंग, होम डेकोर और लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट्स से जुड़ी कंपनी फैब इंडिया विवाद में पड़ चुकी है, सुबह से ही सोशल मीडिया पर #BoycottFabIndia ट्रेंड कर रहा है। कंपनी के 'Jashn-e-Riwaaz' कैंपेन से हड़कंप मच गया है. नेता से लेकर आम लोगो ने दीपावली को 'Jashn-e-Riwaaz' कहने पर आपत्ति जताई है। टविटर पर फेब इंडिया के बहिष्कार की मांग हो रही है।
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने की बहिष्कार की मांग
बेंगलुरू के बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस बारे में ट्वीट किया और लिखा ' यह पारंपरिक हिंदू पोशाक के बिना मॉडल का चित्रण करके हिंदू त्योहारों को जानबूझकर अलंकृत करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा है कि #Fabindia को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी'.
Deepavali is not Jash-e-Riwaaz.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) October 18, 2021
This deliberate attempt of abrahamisation of Hindu festivals, depicting models without traditional Hindu attires, must be called out.
And brands like @FabindiaNews must face economic costs for such deliberate misadventures. https://t.co/uCmEBpGqsc
सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में ट्रोल होने के बाद #Fabindia ने दिवाली के लिए एक नए कलेक्शन को बढ़ावा देने वाले ट्वीट को हटा दिया है। ब्रांड पर हिंदू दिवाली त्योहार का "अपमान" करने और इसे जश्न-ए-रिवाज़ कहने का आरोप लगाया गया था। कई लोगों ने हिंदू त्योहारों में अनावश्यक रूप से धर्मनिरपेक्षता और मुस्लिम विचारधारा लाने के लिए ब्रांड की निंदा की थी और #Fabindia पर प्रतिबंध लगाकर उनके उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
फैब इंडिया ने भारी संख्या में ट्रोल होने के बाद विज्ञापन वापस ले लिया है। बीते दिनों तनिष्क को इसी तरह ट्रोल करने के बाद विज्ञापन को वापस लेने का समय आ गया था।