विशेषाधिकार हनन का मामला:अर्नब का SC से अनुरोध, दो सप्ताह के लिए टली सुनवाई
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मुंबई। पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर उनसे सदन के अधिकारी के बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया जाये. इस अधिकारी ने न्यायालय को दिये अपने जवाब में कहा है कि कथित विशेषाधिकार हनन के मामले में उसने अध्यक्ष के निर्देश पर अर्नब गोस्वामी को पत्र भेजा था. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामा सुब्रमणियन की पीठ ने शुरू में कहा कि संभवत: अध्यक्ष को नोटिस देने की आवश्यकता होगी, ताकि सदन के अधिकारी के कथन के दावे के बारे में उनका पक्ष जाना जा सके, लेकिन बाद में अर्नब की याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.पीठ ने कहा कि उसने विधानसभा के सहायक सचिव के जवाब का अभी अवलोकन नहीं किया है।
शीर्ष अदालत ने छह नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा के सहायक सचिव विलास आठवले को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर पूछा है कि पत्रकार अर्णब गोस्वामी को वह पत्र लिखने के कारण क्यों नहीं उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाये, जिससे लगता है कि उन्हें कथित विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव के मामले में शीर्ष अदालत जाने की वजह से 'धमकाया' गया है.अर्नब की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने पीठ को सूचित किया कि अवमानना के लिए कारण बताओ नोटिस के जवाब में विधानसभा के अधिकारी ने कहा है कि उसने अध्यक्ष के निर्देश पर यह पत्र लिखा था. साल्वे ने कहा, ''उनका (आठवले) कहना है कि उन्होंने अध्यक्ष के निर्देश पर काम किया था. कृपया विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी कीजिये.'' आठवले की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने साल्वे के कथन का विरोध किया और कहा कि अवमानना का कोई मामला नहीं बनता है और चूंकि अधिकारी ने कहा है कि उसने अध्यक्ष के निर्देश पर काम किया।






