दक्षिण भारत बनाम उत्तर पर छिड़ा संग्राम,स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को क्यों कहा एहसान फरामोश?
X
नई दिल्ली। Rahul Gandhi के दक्षिण भारत को लेकर एक बयान पर राजनीति गरमा गई है. राहुल ने तिरुवनंतपुरम में बतौर वायनाड सांसद अपने अनुभव बताए, मगर अब यह बयान दक्षिण बनाम उत्तर भारत हो गया. राहुल गांधी की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें 'एहसान फरामोश' बताया और कहा कि इस तरह के व्यक्ति के बारे में लोकप्रिय कहावत है 'थोथा चना बाजे घना.'।
बीजेपी के कई नेताओं ने गांधी पर निशाना साधा. आरोप लगाया कि वह अवसरवादी हैं जबकि उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में अमेठी से कई चुनाव जीते हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, "कुछ दिन पहले वह (गांधी) पूर्वोत्तर में थे, भारत के पश्चिमी हिस्से के खिलाफ जहर उगल रहे थे. आज वह दक्षिण में उत्तर के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. विभाजन और शासन की राजनीति काम नहीं करेगी राहुल गांधीजी!
लोगों ने इस राजनीति को खारिज कर दिया है. देखें गुजरात में आज क्या हुआ!" वह परोक्ष तौर पर गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की जीत की ओर इशारा कर रहे थे। एक अन्य केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'अमेठी के लोगों ने आपके पूरे परिवार को इतने मौके दिए हैं. अगर आप अच्छे हैं तो भारत के हर हिस्से के लोग अच्छे हैं.' केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट किया, 'उन्हें देखिये. जो व्यक्ति अपनी लोकसभा सीट बचाने के लिए केरल भागा उसने उत्तर भारतीयों की बुद्धिमत्ता पर सवाल उठाया, इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने ईमानदारी से उनके परिवार को पीढ़ियों से वोट दिया है...''
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'मैं दक्षिण से आता हूं. मैं पश्चिमी राज्य से एक सांसद हूं. मैं उत्तर में पैदा हुआ, शिक्षित हुआ और काम किया. मैंने दुनिया के सामने पूरे भारत का प्रतिनिधित्व किया. भारत एक है. किसी भी क्षेत्र को कमतर नहीं करें. हमें कभी विभाजित न करें।
राहुल गांधी का यह था बयान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने कहा, 'पहले 15 सालों के लिए मैं उत्तर भारत से एक सांसद था. मुझे एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई थी. केरल आने पर मुझे अलग तरह का अनुभव हुआ क्योंकि मैंने अचानक पाया कि लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और न केवल सतही तौर पर बल्कि मुद्दों में विस्तार से जाते हैं।