Home > News Window > अनिल गलगली का सवाल,बीएमसी में तबादला रोकने वाले गिरोह का आखिर कब होगा पर्दाफाश?

अनिल गलगली का सवाल,बीएमसी में तबादला रोकने वाले गिरोह का आखिर कब होगा पर्दाफाश?

अनिल गलगली का सवाल,बीएमसी में तबादला रोकने वाले गिरोह का आखिर कब होगा पर्दाफाश?
X

मुंबई। मनपा में तबादला रोकने का रैकेट सक्रिय है और उसी वार्ड में एक्सटेंशन करवाने के लिए नगरसेवक के साथ उपायुक्त और सहायक आयुक्त की मदद ली जाती हैं। आशीष भोईर, सहायक अभियंता, एच पूर्व, जो एक ही वार्ड में 5 साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं, 29 जनवरी, 2021 को स्थानांतरित कर दिए गए, लेकिन दूसरी जगह स्थानांतरित नहीं हुए। आरटीआई कार्यकर्ता, अनिल गलगली ने मांग की है कि उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए जो ईमानदारी से काम कर रहे हैं और इसके बदले राजनीतिक दबाव बढ़ा रहे हैं।

मनपा प्रशासन ने एक स्थानांतरण नीति पर फैसला किया है और इस नीति का सभी का सम्मान और कार्रवाई करना जिम्मेदारी है। यह सभी की जिम्मेदारी है, लेकिन कुछ लोगों को परवाह नहीं है। अधिकारी राजनीतिक और साथ ही वार्ड स्तर पर सहायक आयुक्तों के साथ हाथ मिला रहे हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है आशीष भोईर जो सहायक अभियंता है एच ईस्ट वार्ड के। 5 साल से अधिक समय से उसी एच ईस्ट वार्ड में काम कर रहे भोईर का 29 जनवरी, 2021 को तबादला कर दिया गया था पर वह गये नही और अब राजनीतिक दबाव से इनका एक्सटेंशन यही पर हो गया है। सर्कुलर के मुताबिक, असिस्टेंट कमिश्नर / हेड ऑफ डिपार्टमेंट को 05 दिनों के भीतर अधिकारी को मुक्त करना अनिवार्य है।

अनिल गलगली ने मांग की है कि 29 जनवरी, 2021 के सर्कुलर के अनुसार, इस मामले में संबंधित सहायक आयुक्त / प्रमुखों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, प्रस्ताव भेजने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। अनिल गलगली के अनुसार, वार्ड स्तर पर, मनपा और अधिकारी ठेकेदारों के साथ हाथ मिलाते हैं, यही वजह है कि उनका रैकेट ट्रांसफर होते ही खुल जाता है। स्थानांतरण के बाद सिफारिश और एक्सटेंशन चाहने वाले अधिकारियो की जांच करना आवश्यक है। ताकि रैकेट का पर्दाफाश हो।

Updated : 9 March 2021 2:19 PM GMT
Tags:    
Next Story
Share it
Top