मेड इन इंडिया वैक्सीन में 92 देशों की दिलचस्पी,भारत साबित होगा गेमचेंजर
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नई दिल्ली। वैक्सीन बनाने के बाद अब भारत बड़े वैक्सीन सप्लायर के रूप में भी आगे बढ़ रहा है। पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के देशी संस्करण कोविशील्ड का उत्पादन हो रहा है, भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सीन को भी भारत में मंजूरी मिल चुकी है। भारत में वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू गया है। दुनिया के कई देश वैक्सीन के मामले में भारत से मदद मांग रहे हैं। भारत में बन रहीं वैक्सीन में 92 देशों की दिलचस्पी दिखाई है।
कुछ देशों ने भारत सरकार से इसकी मांग की है तो कुछ सीधे वैक्सीन निर्माता कंपनियों को इसके ऑर्डर भेज रहे हैं। अब भारत वैक्सीन के प्रोडक्शन और सप्लाई में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए तैयार है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को छोड़कर ब्राजील, मोरक्को, सऊदी अरब, म्यांमार, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका जैसे कई देशों में वैक्सीन भेजी जाएगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि कोरोना की महामारी से जंग में भारत शुरुआत से आगे रहा है।
भारत इस अंतरराष्ट्रीय सहयोग को, विशेष रूप से अपने पड़ोसी देशों के लिए कर्तव्य के रूप में देखता है। भारतीय टीके के नगण्य दुष्प्रभाव के कारण ये देश भारत से संपर्क कर रहे हैं। भारत नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार सहित कई पड़ोसी देशों में भारत निर्मित टीके भेज रहा है। डोमिनिकन रिपब्लिक के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्कैरिट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वैक्सीन के 70 हजार डोज की मदद मांगी है।