Home > न्यूज़ > चीनी कंपनी वीवो मोबाइल पर पड़ा ईडी का छापा 465 करोड़ बरामद, (पीएमएलए) मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधानों के तहत मामला की जांच शुरू

चीनी कंपनी वीवो मोबाइल पर पड़ा ईडी का छापा 465 करोड़ बरामद, (पीएमएलए) मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधानों के तहत मामला की जांच शुरू

चीनी कंपनी वीवो मोबाइल पर पड़ा ईडी का छापा 465 करोड़ बरामद, (पीएमएलए) मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधानों के तहत मामला की जांच शुरू
X

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर की बड़ी कार्रवाई की है, 23 सहयोगी कंपनियों के 48 ठिकानों पर रेड में जब्त किए गए अब तक 465 करोड़ रुपये 119 बैंक अकाउंट से जब्त किए गए है। जिसमें 66 करोड़ की एफडी, 2 किलो सोना, और 73 लाख नगज का समावेश है। मनी लॉन्ड्रिंग केस के चलते अब ईडी ने वीवो मोबाइल के खिलाफ कठोर कार्रवाई है। की गई है। लिया है। वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर वीवो इंडिया के का पीआर डिपार्टमेंट ने कंपनी जांच में सहयोग करने का दावा कर रही है। ईडी के इस छापेमारी को लेकर वीवो प्रवक्ता ने जवाब में कहा, "वीवो सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है। हम कानूनों का पूरी तरह से पालन कर हैं।"

आज क्या आम और क्या खास सबके हाथ में मोबाइल आम बात है इंडिया में कई सालों से धड़ल्ले से कारोबार कर रही वीवो इंडिया मोबाइल कंपनी के पास भारतीयों को इतना पैसा है आज ईडी के छापे से ज्ञात हो गया 465 करोड़ यह तो कुछ महीनों की कमाई है अब तो जब से कंपनी आई है तब से लेकर अब तक सारा हिसाब कंपनी को देना होगा। सूत्रों से पता चला है कि कंपनी वीवो के निदेशक झेगशेन ओउ के देश छोड़कर फरार हो गए है लेकिन इस पर कोई अधिकारिक बयान अब तक जारी नहीं किया गया है। ईडी ने गुरुवार की तडके इन राज्यों में कई जगहों पर एक साथ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में वीवो मोबाइल और उससे संबंधित कंपनियों से जुड़े 48 स्थानों छापेमारी कर तलाशी ले रही है।



मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चाइनीज स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो मोबाइल के खिलाफ उसके अलग-अलग ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की है। प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने ट्विटर हैंडल पर पर दी है। अब इस पूरे मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधानों के तहत पूरे मामले को लेकर वीवो मोबाइल की बारीकी से जांच कर रहा है। यह चीनी कंपनी भारत में जब से कब से आयी कितना धन अर्जित किया सारे सबूतों को इकट्ठा किया जा रहा है। इससे पहले वीवो मोबाइल की जांच वीवो की पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई द्वारा की जा रही थी। लेकिन वित्त मंत्रालय से हरि झंडी मिलने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के लिए ईडी को जांच के लिए सौंप दिया गया है।


भारत में वीवो का मुख्यालय वीवो कम्पनी ने भारत में मोबाइल फोन बनाने की शुरुआत साल 2012 से की थी। शुरुआत में इसे कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिला लेकिन धीरे धीरे उसने भारतीय बाजार में अपनी जगह बनाते गई, इससे पहले बिना आईएमईआई (IMEI) के फोन वीवो कंपनी द्वारा इंडिया में लाया गया था। जिसके प्रतिबंध के बाद कंपनी ने वीवो मोबाइल नाम के साथ उतरा बाजार में।

वीवो की फैक्ट्री उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में है और कंपनी ने एक बाद एक कई राज्यों में दफ्तर फैक्ट्री, गैलरी इत्यादि का विस्तार किया और खोल दी। आपने देखा ही होगा हर आईपीएल वीवो फिलहाल इंडियन प्रीमियर लीग की स्पांसर है। कंपनी के भारतीय बाजार में उपलब्ध मॉडलों में ओप्पो एफ1एस, ओप्पो एफ1 प्लस, ओप्पो एफ1यूथ और ओप्पो ए 37 शामिल है। आज भारत में सबसे ज्यादा ब्रांडिंग विवो मोबाइल की है। हर 10 हाथों में से दो के पास

Updated : 8 July 2022 7:51 AM IST
Tags:    
Next Story
Share it
Top