इस अंधे व्यक्ति की कहानी सुनके हो जाओगे हैरान !
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मैक्स महाराष्ट्र हिंदी के रिपोर्टर ने गोवंडी में एक बुजुर्ग से मुलाकात की, जिनकी कहानी हर किसी को प्रेरित करने वाली है। वह बुजुर्ग, जो आज अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं, कभी एक संपन्न और सफल व्यक्ति थे। उनकी इंग्लिश में धाराप्रवाह बातचीत करने की क्षमता देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कितनी बड़ी मुश्किलों का सामना किया है।
संपन्नता से अंधकार तक का सफर
यह बुजुर्ग एक समय पर अच्छी नौकरी में थे और अपने परिवार के साथ सुखी जीवन बिता रहे थे। लेकिन उनकी जिंदगी ने ऐसा मोड़ लिया, जिसे कोई नहीं चाह सकता। एक गंभीर बीमारी के चलते उनकी आंखों की रोशनी चली गई। धीरे-धीरे, उनकी आर्थिक स्थिति भी बिगड़ने लगी। जिन दोस्तों और रिश्तेदारों पर उन्हें भरोसा था, उन्होंने भी उनसे दूरी बना ली।
गोवंडी की गलियों में जिंदगी
अब वह गोवंडी की तंग गलियों में एक छोटे से मकान में रहते हैं। उनकी जिंदगी का हर दिन संघर्षों से भरा हुआ है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वह खुद को पढ़ाई और अंग्रेजी भाषा में दक्ष बनाए रखने के लिए मेहनत करते रहे। उनका कहना है, "चाहे जिंदगी में कितनी ही कठिनाइयां क्यों न आएं, खुद को कभी कमजोर मत समझो।"
प्रेरणा की मिसाल
इस बुजुर्ग का हौसला आज भी कायम है। वह आसपास के बच्चों को इंग्लिश सिखाते हैं और उन्हें बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित करते हैं। उनके पास संसाधन भले ही कम हैं, लेकिन उनका जज्बा और आत्मविश्वास हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देता है।
आवश्यकता है मदद की
इस बुजुर्ग की कहानी हमें यह सिखाती है कि जिंदगी में कितनी भी मुश्किलें आएं, इंसान अपनी इच्छाशक्ति और मेहनत से उन्हें पार कर सकता है। लेकिन यह भी सच है कि ऐसे लोगों को समाज की मदद और सहारे की जरूरत होती है।
यह कहानी न केवल उनकी संघर्षों की दास्तां है, बल्कि हमें यह याद दिलाती है कि इंसान का असली गुण उसकी इच्छाशक्ति और दूसरों की मदद करने की भावना में छिपा है।इस अंधे व्यक्ति की कहानी सुनके हो जाओगे हैरान !इस अंधे व्यक्ति की कहानी सुनके हो जाओगे हैरान !