Protein पीना बंद करो !
X
आजकल फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ने के साथ ही प्रोटीन शेक का सेवन आम हो गया है। जिम जाने वाले अधिकतर लोग अपनी डाइट में प्रोटीन सप्लीमेंट्स को शामिल करते हैं, लेकिन क्या प्रोटीन शेक पीना वास्तव में सेहत के लिए फायदेमंद है, या यह नुकसान भी पहुंचा सकता है? इसी विषय पर हमने मैक्स महाराष्ट्र हिंदी यूट्यूब चैनल पर डॉक्टर हरीश शेठी के साथ एक विशेष पॉडकास्ट किया।
क्या है प्रोटीन शेक और क्यों इसका इतना प्रचलन है?
प्रोटीन शेक आमतौर पर वर्कआउट करने वाले लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है। यह शेक वेट गेन, मसल बिल्डिंग और शरीर को अतिरिक्त पोषण देने के लिए लिया जाता है। कई प्रकार के प्रोटीन शेक बाजार में उपलब्ध हैं, जैसे कि व्हे प्रोटीन, सोया प्रोटीन, प्लांट-बेस्ड प्रोटीन आदि।
हालांकि, डॉक्टर हरीश शेठी के अनुसार, लोग बिना सोचे-समझे और बिना चिकित्सकीय सलाह के इनका सेवन करने लगे हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
प्रोटीन शेक के नुकसान
किडनी पर असर
अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन करने से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। खासकर उन लोगों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है, जिनकी किडनी पहले से कमजोर है। शरीर में अतिरिक्त प्रोटीन को प्रोसेस करने के लिए किडनी को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे किडनी डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है।
लीवर को नुकसान
प्रोटीन शेक में कई बार ऐसे तत्व शामिल होते हैं, जो लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। गलत डोज या मिलावटी सप्लीमेंट्स के कारण लीवर फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है।
हार्मोनल असंतुलन
बाजार में बिकने वाले कुछ प्रोटीन शेक में हार्मोन बढ़ाने वाले तत्व होते हैं, जो शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर प्रभावित हो सकता है और महिलाओं में पीरियड्स संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
डायजेस्टिव सिस्टम पर असर
कई लोगों को प्रोटीन शेक पीने के बाद अपच, गैस, एसिडिटी और डायरिया जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यह इस बात का संकेत है कि शरीर इतनी अधिक मात्रा में प्रोटीन को पचा नहीं पा रहा है।
वजन बढ़ने की समस्या
फिटनेस को ध्यान में रखते हुए लोग प्रोटीन शेक का सेवन तो करते हैं, लेकिन सही वर्कआउट न करने पर यह अतिरिक्त कैलोरी के रूप में शरीर में जमा हो जाता है, जिससे वजन बढ़ने की समस्या होने लगती है।
हृदय संबंधी रोगों का खतरा
कुछ प्रोटीन शेक में हाई सैचुरेटेड फैट और एडेड शुगर होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। लंबे समय तक इनके सेवन से कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है।
क्या प्राकृतिक आहार से प्रोटीन प्राप्त किया जा सकता है?
डॉक्टर हरीश शेठी के अनुसार, प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स लेने की जरूरत नहीं है। प्राकृतिक आहार से भी प्रोटीन की जरूरत पूरी की जा सकती है।
दूध और डेयरी उत्पाद – दूध, दही, पनीर और छाछ प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।
दालें और चना – मसूर, मूंग, चना और राजमा प्रोटीन से भरपूर होते हैं।
सोया और टोफू – शाकाहारी लोगों के लिए सोया और टोफू अच्छे प्रोटीन स्रोत हैं।
नट्स और बीज – बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज और चिया सीड्स प्रोटीन के साथ-साथ हेल्दी फैट भी प्रदान करते हैं।
क्या सभी को प्रोटीन शेक बंद कर देना चाहिए?
प्रोटीन शेक हर किसी के लिए नुकसानदायक नहीं होता। कुछ खास परिस्थितियों में डॉक्टर की सलाह पर इनका उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए –
एथलीट्स और बॉडीबिल्डर्स जिन्हें अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत होती है।
जिन लोगों को डॉक्टर ने प्रोटीन की कमी के कारण सप्लीमेंट लेने की सलाह दी है।
गंभीर बीमारी के बाद रिकवरी के लिए कुछ मामलों में प्रोटीन सप्लीमेंट दिया जा सकता है।
हालांकि, किसी भी स्थिति में बिना विशेषज्ञ की सलाह के प्रोटीन शेक का उपयोग नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
डॉक्टर हरीश शेठी के अनुसार, प्रोटीन शेक का अंधाधुंध सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो प्राकृतिक आहार से प्रोटीन प्राप्त करें और बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सप्लीमेंट न लें।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए आप मैक्स महाराष्ट्र हिंदी यूट्यूब चैनल पर डॉक्टर हरीश शेठी के साथ हमारा पूरा पॉडकास्ट देख सकते हैं।