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शादी के बाद मर्दो की बरबादी,आखिर क्या है कारण ?

शादी के बाद मर्दो की बरबादी,आखिर क्या है कारण ?
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पारंपरिक रूप से, भारतीय समाज में शादी के बाद महिलाओं के अधिकार और उनकी सुरक्षा पर अधिक जोर दिया जाता है। यह आवश्यक भी है, क्योंकि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और शोषण के मामले लंबे समय से मौजूद हैं। लेकिन आज, एक नई समस्या उभर रही है: शादी के बाद पुरुषों का शोषण।

कैसे हो रहा है शोषण?

शादी के बाद पुरुषों को कई तरह के मानसिक, भावनात्मक और कानूनी शोषण का सामना करना पड़ता है, जिनमें शामिल हैं:

झूठे दहेज उत्पीड़न के मामले

दहेज प्रताड़ना (धारा 498A) कानून का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा करना था, लेकिन कुछ मामलों में इसका दुरुपयोग कर पुरुषों और उनके परिवारों को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है।

गलत घरेलू हिंसा के आरोप

घरेलू हिंसा अधिनियम महिलाओं की रक्षा के लिए लाया गया था, लेकिन यह कई बार पुरुषों पर झूठे आरोप लगाने का जरिया बन जाता है।

भावनात्मक और मानसिक शोषण

कई पुरुषों को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया जाता है, जिसमें तलाक, बच्चों की कस्टडी, और आर्थिक नुकसान की धमकी दी जाती है।

झूठे बलात्कार के आरोप

कुछ मामलों में, शादी के पहले या बाद झूठे बलात्कार के आरोप भी लगाए जाते हैं, जो पुरुषों की सामाजिक प्रतिष्ठा और करियर को बर्बाद कर देते हैं।

इन समस्याओं के कारण

कानूनी असंतुलन

कई कानून केवल महिलाओं के पक्ष में हैं, जिससे पुरुषों को अपनी बात साबित करने का अवसर कम मिलता है।

समाज की धारणा

समाज में यह धारणा है कि पुरुष हमेशा ताकतवर होते हैं और महिलाओं पर अत्याचार करते हैं। यह धारणा पुरुषों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेती।

मनोवैज्ञानिक दबाव

परिवार और समाज से जुड़े दबाव पुरुषों को अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर बोलने से रोकते हैं।

समाधान क्या हो सकते हैं?

कानूनी सुधार

कानूनों को संतुलित बनाने की जरूरत है, ताकि हर पक्ष की निष्पक्ष जांच हो सके।

जागरूकता अभियान

समाज को यह समझने की जरूरत है कि शोषण का शिकार केवल महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी हो सकते हैं।

पुरुष हेल्पलाइन और सपोर्ट सिस्टम

जैसे महिलाओं के लिए हेल्पलाइन होती है, वैसे ही पुरुषों के लिए भी एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम बनाया जाना चाहिए।

मीडिया की भूमिका

मीडिया को निष्पक्ष रिपोर्टिंग करनी चाहिए और पुरुषों के साथ होने वाले शोषण के मामलों को सामने लाना चाहिए।

परिवार परामर्श केंद्र

शादी से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने के लिए परिवार परामर्श केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए।

निष्कर्ष

शादी एक खूबसूरत रिश्ता है, लेकिन यह तभी संभव है जब दोनों पक्ष एक-दूसरे का सम्मान करें और कानून का दुरुपयोग न करें। पुरुषों के साथ होने वाले शोषण को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। एक स्वस्थ और समान समाज के लिए, यह जरूरी है कि हर किसी को न्याय मिले, चाहे वह महिला हो या पुरुष।

Updated : 9 Jan 2025 5:13 PM IST
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