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मुलायम सिंह यादव नहीं रहे, समाजवाद का मजबूत स्तंभ ढह गया

मुलायम सिंह यादव नहीं रहे, समाजवाद का मजबूत स्तंभ ढह गया
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प्रवीण मिश्रा, मैक्स महाराष्ट्र, मुंबई: समाजवादी के पुरोधा और संघर्ष की राजनीति के मजबूत आधार स्तंभ मुलायम सिंह यादव ने आज सुबह नई दिल्ली के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस लेकर हम सबको हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। वे देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। देश के रक्षा मंत्री के पद को भी उन्होंने सुशोभित किया। वे आठ बार विधायक और सात बार सांसद चुने गए। उत्तर प्रदेश में वे विधान परिषद और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता भी रहे। मुख्यमंत्री बहने से पहले वे उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे। वे राममनोहर लोहिया की विचारधारा से प्रेरित रहे। समाजवादी राजनीति में शामिल होकर लोकल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर पहुंचे। 1992 में अपने बल पर समाजवादी पार्टी का गठन किया और देश की राजनीति में समाजवादी आंदोलन के अग्रणी नेता बने।

उनके निधन से समाजवादी अभियान के एक युग का अंत हो गया। 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के सैफई में जन्में मुलायम सिंह यादव ने आज सुबह 8:16 बजे अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव देह नई दिल्ली से यूपी के सैफई में लाया जाएगा। उनके पैतृक गांव में ही उनका अंतिम संस्कार होगा। उन्हें किडनी, यूरिन इन्फेक्शन और सांस लेने में दिक्कत की वजह से कुछ दिनों पहले नई दिल्ली की मेदांता अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। वे लेकिन उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया और आज सुबह उन्होंने सब को सदा के लिए अलविदा कह दिया।


पिछड़ों और दलितों और आम आदमी के लिए वे आजीवन संघर्ष करते रहे वे स्वयं हर कार्यकर्ता से मिलते थे। सभी को नाम से पहचानते थे। सब की बात ध्यान से सुनते थे। हर आम आदमी क। नेता होने के कारण ही वे आदर से 'नेताजी' नाम से संबोधित किए जाते थे। वे जमीन से जुड़े हुए थे। उत्तर प्रदेश के गांव से निकल कर उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी सशक्त पहचान बनाई। वे राष्ट्रीय विकास और सामाजिक समन्वय के साथ आगे बढ़ाने पर जोर देते रहे। लंबे अरसे तक वे साइकिल से ही चलते रहें इसलिए उन्होंने जब अपनी समाजवादी पार्टी बनाई तो उसका निशान भी साइकिल ही रखा।

युवा दौर में मुलायम सिंह यादव कुश्ती के अच्छे शौकीन रहे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत शिक्षक के तौर पर की। पॉलिटिकल साइंस से उन्होंने एम.ए. की डिग्री ली। उनका दल से और हर नेता से अच्छा संबंध रहा। लोग मन से उनका सम्मान सम्मान करते थे। जब मुलायम सिंह सदन में बोलते थे सब लोग ध्यान से सुनते थे। आज उनके निधन पर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, अन्य केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सभी दलों के राजनेताओं व अन्य कई लोगों ने शोक जताया है।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ सैफई में उनके गांव में होगा। लगभग हर दलों से आत्मीय संबंध रखने वाले मुलायम सिंह यादव 82 साल के थे। अपने लंबे राजनीतिक सफर में उन्होंने हमेशा समाजवाद का झंडा बुलंद किया। छह दशक तक वे समाजवादी पार्टी का मजबूत आधार स्तंभ बने रहे। लोहियावादी विचारधारा को लेकर वे सात बार सांसद चुने गए और आठ बार विधायक चुने गए।

Updated : 10 Oct 2022 4:29 PM GMT
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